धनतेरस को दीपदान करने वाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है : पं अशोक दीक्षित

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धनतेरस को दीपदान करने वाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है : पं अशोक दीक्षित

 

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : 10 नवम्बर 2023 शुक्रवार को धनतेरस हैं | स्कंद पुराण’ में आता है कि धनतेरस को दीपदान करने वाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है | धनतेरस को बाहर की लक्ष्मी का पूजन धन, सुख-शांति व आंतरिक प्रीति देता है | जो भगवान की प्राप्ति में, नारायण में विश्रांति के काम आये वह धन व्यक्ति को अकाल सुख में, अकाल पुरुष में ले जाता है, फिर वह चाहे रूपये – पैसों का धन हो, चाहे गौ – धन हो, गजधन हो, बुद्धिधन हो या लोक – सम्पर्क धन हो | धनतेरस को दिये जलाओगे …. तुम भले बाहर से थोड़े सुखी हो, तुमसे ज्यादा तो पतंगे भी सुख मनायेंगे लेकिन थोड़ी देर में फड़फड़ाकर जल – तप के मर जायेंगे | अपने – आपमें, परमात्मसुख में तृप्ति पाना, सुख – दुःख में सम रहना, ज्ञान का दिया जलाना – यह वास्तविक धनतेरस, आध्यात्मिक धनतेरस है | यह कहना है धर्माचार्य पंडित अशोक दीक्षित का |

अशोक दीक्षित कहते हैं कार्तिक कृष्ण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन) त्रयोदशी के दिन को धनतेरस कहते हैं । भगवान धनवंतरी ने दुखी जनों के रोग निवारणार्थ इसी दिन आयुर्वेद का प्राकट्य किया था । इस दिन सन्ध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीप दान करना चाहिये- मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह । त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥ (त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हो।

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