अंबेडकर अस्पताल में ट्रिपल पॉजिटिव मरीज की हुई सफल सर्जरी, डॉक्टरों बताया रेयर केस

0
46

दिल्ली में ट्रिपल पॉजिटिव मरीज की अंबेडकर अस्पताल में हुई सफल सर्जरी, डॉक्टरों बताया रेयर केस

Delhi Medical News:

Delhi के डॉक्टरों के मुताबिक ट्रिपल पॉजिटिव मरीजों की सर्जरी इसलिए काफी जटिल और मुश्किल मानी जाती है, क्योंकि इसमें मरीज के साथ डॉक्टरों को भी संक्रमण का खतरा रहता है.

राजधानी दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी पॉजिटिव यानी ट्रिपल पॉजिटिव मरीज की सफलतापूर्वक सर्जरी की है. डॉक्टरों के मुताबिक ट्रिपल पॉजिटिव मरीजों की सर्जरी इसलिए काफी जटिल और मुश्किल मानी जाती है, क्योंकि इसमें मरीज के साथ डॉक्टरों को भी संक्रमण का खतरा रहता है. एक या दो संक्रमण पीड़ित की सर्जरी सामान्य है, लेकिन तीन-तीन गंभीर रोगों से संक्रमित व्यक्ति की सर्जरी को दुर्लभ माना जाता है.

हड्डी रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और सर्जरी टीम के मुख्य डॉ. अंकित खुराना ने बताया कि उत्तर-पश्चिम जिले के रहने वाले एक 27 वर्षीय युवक को एड़ी में फ्रैक्चर के बाद इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल लाया गया था. ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट ने जांच में पाया कि ऊंचाई से गिरने के कारण युवक की हड्डी फ्रैक्चर होने के साथ डिसलोकेट भी हो चुकी थी. वहीं, अलग—अलग जांच के दौरान मरीज एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, ट्रिपल पॉजिटिव होने का भी पता चला. जिस पर आवश्यक टेस्ट के बाद डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी का फैसला किया. यह सर्जरी अपने आप में ही काफी जटिल मानी जाती है, लेकिन मरीज के ट्रिपल पॉजिटिव होने के कारण इसकी जटिलताएं और भी बढ़ गई थी.

डेढ़ घंटे तक चली सर्जरी 

हड्डी रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और सजरी टीम के मुखिया डा अंकित खुराना ने बताया कि ऊंचाई से गिरने के कारण मरीज को एड़ी की हड्डी में फ्रैक्चर के साथ-साथ डिस्लोकेट भी हो गई थी. यह सर्जरी भी जटिल मानी जाती है. डॉ. खुराना ने बताया कि मरीज का एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने के कारण सर्जरी टीम के लिए सुरक्षा भी एक बड़ा मसला था. बावजूद इसके टीम ने सर्जरी का निर्णय किया और उनके साथ सीनियर रेजिडेंट डॉ. करण राजपाल और आर्थोपेडिक रेजिडेंट डॉ. ज्ञानेंद्र वर्मा के अलावा एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डा. वंदना चुघ की टीम लगभग डेढ घंटे तक चली इस सर्जरी को सफलतापूर्वक इसे अंजाम देने में कामयाब हुई.

3 संक्रमण वाले मरीज की सर्जरी रेयर

सर्जरी के बाद न केवल मरीज की हड्डी अच्छे से जुड़ गई बल्कि पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया. डॉ. खुराना का कहना है कि दो रोग से संक्रमित व्यक्ति की सर्जरी कभी-कभार होती रहती है. वहीं तीन रोग से संक्रमित की सर्जरी को पहले तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन हां, इस केस को रेयर जरूर कहा जा सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here