Delhi News: राजधानी दिल्ली में तीन छात्रों की मौत पर सियासत शुरू हो गयी है. बीजेपी ने आप सरकार पर हमला बोला है. हादसे के बाद मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सांसद बांसुरी स्वराज पहुंचे. सचदेवा ने कहा कि पिछले 10 दिनों से नालों की सफाई करावने की मांग हो रही थी. विधायक दुर्गेश पाठक ने लोगों की मांग पर ध्यान नहीं दिया. मानसून की बारिश से निपटने के लिए होने पर छात्रों को जिंदगी से हाथ नहीं धोना पड़ता.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जेल में बंद मुख्यमंत्री केजरीवाल को सत्ता का मोह है. सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि एमसीडी में दो वर्षों से आप की सरकार है. एमसीडी ने ठीक ढंग से काम नहीं किया. विधायक ने भी लोगों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया. आज लगभग घंटे भर की बारिश से दिल्ली की दुर्दशा हो गयी. स्थानीय लोगों ने एमसीडी की लापरवाही को हादसे का कारण बताया. उनका कहना है कि बीते कई वर्षों से जलभराव की समस्या है. एमसीडी को भी पता है कि जलभराव होता है. बावजूद इसके एमसीडी ने नालों की सफाई नहीं करवाई. मॉनसून के मद्देनजर बारिश से निपटने की तैयारी नहीं हुई.
IAS कोचिंग सेंटर में अचानक भरा पानी
उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों की मौत को प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया. उन्होंने कहा कि समय रहते प्रशासन की टीम के हरकत में आने से छात्रों की जान बचायी जा सकती थी. हादसे के चार घंटों बाद प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया. घटना से छात्रों में भी काफी रोष का माहौल है. उन्होंने दिल्ली सरकार से लेकर एमसीडी और विधायक तक के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि हादसा एमसीडी की लापरवाही की वजह से हुआ.
हादसे में तीन प्रतियोगी छात्रों की हुई मौत
दिल्ली सरकार ने मॉनसून से पहले तैयारी नहीं की. पार्षद और विधायक दुर्गेश पाठक से नालों की सफाई का गुहार लगाया जा रहा थे, बावजूद इसके शिकायत पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. नाले की सफाई न होने के कारण इमारत अत्यधिक पानी का दबाव नहीं पाया. पानी अचानक बेसमेंट में भर ग. हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गयी. बता दें कि राव आईएएस कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भरने से दर्दनाक हादसा हुआ. लाइब्रेरी में छात्रों की तादाद पढ़ रहे थी. आनन-फानन में बाहर निकलने लगे. पानी ने बेसमेंट को चपेट में ले लिया. पानी में डूबे वाले छात्रों का पता लगाने के लिए मौके पर गोताखोरों को बुलाना पड़ा.