झारखंड में सियासी संकट के बीच विधायकों को बसों में लेकर CM आवास से निकले हेमंत सोरेन

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झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाना लगभग तय हो चुका है। राज्यपाल रमेश बैस, हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य ठहराने का आदेश निर्वाचन आयोग को भेज सकते हैं। इस बीच राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है। हेमंत सोरेन ने सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद हेमंत सोरेन अपने विधायकों को बस में बैठाकर निकल गए हैं। उन्हें सुरक्षित रिसॉर्ट ले जाया गया है। इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने कहा कि यूपीए के 10-11 विधायक गायब हैं। दूबे ने दावा किया कि बीजेपी के साथ 33 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में हम हैं लेकिन डरी हुई सरकार है और वह अपने विधायकों को लेकर भाग रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा है कि हमारे विरोधी राजनीतिक तौर पर लड़ाई में हमारे सामने नहीं टिक पा रहे तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हमें यह कुर्सी विरोधियों ने नहीं बल्कि जनता ने दी है। आदिवासी का बेटा हूं। इनकी चाल से हमारा न कभी रास्ता रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं। हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया है। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खनन पट्टे के मामले के कारण अधर में लटकी हुई है। राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि राज्यपाल अयोग्यता आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे और इसे निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। निर्वाचन आयोग ने सोरेन को एक खनन पट्टा स्वयं को देकर चुनावी मापदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की थी, लेकिन इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन के विधायकों को आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मीटिंग के लिए बुलाया गया था।

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