ऑनलाइन अटेंडेंस यूपी में प्राइमरी टीचर की होगी,20 नवंबर से लागू होगी व्यवस्था

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यूपी में प्राइमरी टीचर की होगी ऑनलाइन अटेंडेंस, 20 नवंबर से लागू होगी व्यवस्था

UP News Now Online Attendance Of Teachers In Basic Schools ANN | UP News:  यूपी में प्राइमरी टीचर की होगी ऑनलाइन अटेंडेंस, 20 नवंबर से लागू होगी  व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत टीचरों को अब अपनी अटेंडेंस ऑनलाइन लगानी पड़ेगी। इसके लिए उनको विद्यालय शुरू होने के पहले और विद्यालय खत्म होने के बाद अपनी अटेंडेंस लगाकर भेजना होगा।

उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए और टीचरों पर निगरानी के साथ-साथ उनके रोजाना विद्यालय में उपस्थिती को लेकर नई व्यवस्था लागू की जा रही है. इस व्यवस्था के तहत अब प्राइमरी विभाग में कार्यरत टीचरों को रोजाना अपनी अटेंडेंस लगानी पड़ेगी. इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है. साथ ही टीचरों को सूचित करने के लिए उनके मोबाइल पर एक संदेश भी आया है. यह व्यवस्था 20 नवंबर से लागू होगी.

विभाग की ओर से परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के लिये 209063 टैबलेट्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं. विभाग की ओर से टेबलेट उपलब्ध कराये जाने तक पंजिका में समस्त अध्यापकों/कार्मिकों द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कराए गए अपने मोबाइल नंबर से अपनी उपस्थिति रोजाना दर्ज करानी होगी. जिसके बाद इसे प्रधानाध्यापक द्वारा उपस्थिति प्रमाणित की जायेगी.

जियो फेंसिंग के माध्यम से होगी पहचान

इसके साथ ही विद्यालयों में अध्यापकों के प्रवेश और प्रस्थान के समय के बारे में भी जानकारी दे गई है. विभाग की ओर से 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक अध्यापकों को स्कूल में सुबह 7:45 से 8:00 बजे तक आना होगा और विद्यालय से जाने का समय दोपहर 2:15 से 2:30 बजे तक निर्धारित किया गया है. वहीं 01 अक्टूबर से 31 मार्च के बीच आने का समय सुबह 8:45 से 9:00 बजे तक और जाने का समय दोपहर 3:15 से 3:30 बजे तक होगा.

मोबाइल/टैबलेट को जियो फेंसिंग के माध्यम से पहचाना जायेगा और पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करते समय अध्यापक/प्रधानाध्यापक को विद्यालय परिसर में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा. विद्यालय में कार्यरत समस्त शिक्षकों और स्टॉफ की उपस्थिति का ऑनलाइन प्रमाणीकरण प्रधानाध्यापक द्वारा किया जायेगा.

अध्यापकों ने किया स्वागत

फिलहाल इस व्यवस्था पर अलग-अलग शिक्षकों ने एबीपी लाइव से बातचीत में इस व्यवस्था को लेकर खुलकर बात की है. कई शिक्षकों ने इस व्यवस्था को अच्छा बताया है. उनका कहना है कि अमूमन सारे शिक्षक रोजाना उपस्थित रहते हैं और अपना काम सही ढंग से करते हैं, पर कुछ लोग जो सही समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते उनके न जाने से कहीं ना कहीं शिक्षकों की बदनामी होती है. वहीं कुछ शिक्षकों ने यह भी कहा कि पौने नौ से नौ के बीच का समय देने में कई बार अगर शिक्षक एक-दो मिनट आगे पीछे होता है तो उसके लिए समस्या होगी.

कुछ ने गिनाई अव्यवस्था

वहीं ग्रामीण अंचल में कार्यरत कुछ शिक्षकों ने इस व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि हम डिजिटलाइजेशन की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं. टैबलेट का बजट सरकार ने दिया है और टैबलेट आ रहा है, लेकिन पिछले 70 सालों से शिक्षक स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए टेबल और बेंच की व्यवस्था चाहते हैं. आज भी बच्चों को टाट पट्टी पर बैठना पड़ता है. सरकार को उसके लिए लंबे समय से बजट मांगा जा रहा है पर सरकार के पास मूलभूत सुविधाएं देने के लिए बजट नहीं है.

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