पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और 1999 में करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को एक लाइलाज बीमारी से वर्षों तक जूझने के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। मुशर्रफ पाकिस्तान में अपने खिलाफ आपराधिक आरोपों से बचने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में खुद निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे थे। उनका दुबई में अमेरिकन हॉस्पिटल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके परिवार के मुताबिक, मुशर्रफ दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और ऊतकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है। मुशर्रफ के निधन के फौरन बाद पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’  ने एक बयान जारी कर कहा कि ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद और सभी सेवाओं के प्रमुखों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।

बयान में कहा गया, ‘‘अल्लाह उनकी रूह को सुकून अता फरमाए और शोकसंतप्त परिवार को ताकत दें।’’‘जियो टीवी’ ने बताया कि मुशर्रफ की पार्थिव देह को सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए पाकिस्तान लाए जाने के वास्ते सोमवार को एक विशेष विमान दुबई भेजा जाएगा। उनकी बीमारी 2018 में सामने आई थी जब उनकी पार्टी ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’   ने घोषणा की कि पूर्व सैन्य शासक एक दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से जूझ रहे हैं। पिछले साल जून में उन्हें तीन सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबरें प्रसारित होने के बाद उनके परिवार ने एक बयान में कहा था, ‘‘वह एक मुश्किल दौर से जूझ रहे हैं जहां ठीक होना संभव नहीं है और शरीर के अंग ठीक तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। रोजमर्रा की जिंदगी को आसानी से जीने के लिए प्रार्थना करिए।’’

मुशर्रफ ने ही करगिल युद्ध की जमीन तैयार की थी जो महीनों तक चला था। यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था। करगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों- पहले पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी तथा बाद में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था। नवाज शरीफ के छोटे भाई एवं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुशर्रफ के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘खुदा उनके गुनाहों को माफ अता फरमाए और परिवार को संयम दें।’’ सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने भी पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर दुख जताया और शोकसंतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मुशर्रफ को ‘‘महान व्यक्ति’’ बताया और कहा कि उनकी विचारधारा हमेशा पाकिस्तान को आगे रखने की थी। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज इलाही ने कहा कि पाकिस्तानी सेना और देश के प्रति मुशर्रफ की सेवाओं को भुलाया नहीं जा सकता। चार-स्टार वाले जनरल मुशर्रफ उस वक्त पाकिस्तान के ‘‘मुख्य कार्यकारी’’ थे जब अमेरिका पर 9/11 हमला हुआ था और उन्होंने पड़ोसी अफगानिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप के दौरान वाशिंगटन का साथ दिया था।

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