Bihar Free Electricity Rumor: बिहार में नहीं मिलेगी 100 यूनिट मुफ्त बिजली, सरकार ने खबरों को बताया भ्रामक, साथ ही पेंशन और महिला आरक्षण पर किए बड़े ऐलान
बिहार में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दिए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स पर अब राज्य सरकार ने पूर्ण रूप से खंडन कर दिया है। शनिवार को जारी की गई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में इस संबंध में फैल रही खबरों को “ग़लत, भ्रामक और तथ्यहीन” बताया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ऐसा कोई फैसला न तो लिया गया है और न ही इस तरह की कोई योजना स्वीकृत हुई है।
सुबह से यह चर्चा तेज़ थी कि राज्य के ऊर्जा विभाग ने 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे वित्त विभाग की मंज़ूरी मिल चुकी है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यदि योजना लागू होती, तो प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती, और उसके बाद की खपत पर सामान्य दरों से शुल्क लिया जाता।
वर्तमान में शहरी इलाकों में 50 यूनिट तक बिजली की दर 7.57 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि इसके बाद 7.96 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लिया जाता है। ऐसे में कथित फ्री यूनिट योजना को लेकर आमजन में काफी उत्साह देखा गया। लेकिन देर शाम सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया।
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में बड़ी राहत की घोषणा की है। अब योजना के अंतर्गत दी जाने वाली पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई पेंशन जुलाई 2025 से लागू होगी और राज्य के 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार से अधिक वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजन लाभार्थियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
नीतीश कुमार ने यह भी ऐलान किया है कि बिहार में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू रहेगा। यह कदम महिलाओं की भागीदारी को सरकारी सेवा और प्रशासनिक व्यवस्था में मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि महिलाएं राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं और शासन व्यवस्था में नेतृत्वकारी स्थिति तक पहुंचे।
इन सभी घोषणाओं और स्पष्टीकरणों के बीच यह साफ हो गया है कि बिहार सरकार जनहितकारी योजनाओं पर सक्रिय है, लेकिन बिजली के मामले में अभी मुफ्त यूनिट देने जैसी कोई योजना अमल में नहीं लाई गई है। जनता से अपील की गई है कि वे केवल सरकार की आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें और अफवाहों से बचें।



