हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्य काल की घोषणा, MLAs को महत्वपूर्ण विषय उठाने के लिए मिलेगा समय
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायकों को शून्य काल की व्यवस्था मिलेगी. इसकी घोषणा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने की.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अब विधायकों को शून्य काल की व्यवस्था मिलेगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के छठे दिन मंगलवार को कार्यवाही खत्म होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदस्यों को शून्य काल की व्यवस्था मिलेगी. शून्य काल प्रश्न काल के बाद दोपहर 12 से लेकर 12:30 तक चलेगा.
प्रश्न काल का वक्त सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक होता है. इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य महत्वपूर्ण विषय शून्य काल के दौरान उठा सकेंगे. यह पहली बार है, जब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में यह व्यवस्था दी जा रही है. हालांकि इस बारे विधानसभा अध्यक्ष अभी सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों से बात करेंगे. इसके बाद ही शून्य काल को लेकर अंतिम फैसला होगा.
प्रश्न काल के बाद शून्य काल की व्यवस्था
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधायक अपने मुद्दों को सदन में उठाने के लिए पॉइंट ऑफ ऑर्डर लाते हैं. यह पॉइंट ऑफ ऑर्डर की व्यवस्था अति महत्वपूर्ण विषयों के लिए होती है. ऐसे में बार-बार इस तरह प्वाइंट ऑफ ऑर्डर नहीं लाया जा सकता. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधायकों की सुविधा के लिए अब उन्हें शून्य काल की व्यवस्था होगी, ताकि वह अपने मुद्दे शून्य काल में उठा सकें.
दोनों दलों से करेंगे बात- पठानिया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने साथ बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर विधानसभा में फिलहाल इसकी व्यवस्था दी है. हालांकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में ही आता है, लेकिन वह इस बारे में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की भी राय लेंगे. इसके बाद इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि शून्य काल के दौरान विधायक अपने इलाके से जुड़ी महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकेंगे.