दिल्ली भाजपा की राजनीति में अगले माह होगा बड़ा फेरबदल
केजरीवाल से निपटने की बनेगी रणनीति
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली , जी हाँ हेडलाइन आप बिलकुल ठीक पढ़ पा रहे हैं | इसे हम नवरात्र में भी लिख सकते थे क्योंकि कोई शुभ काम हिन्दू धर्म में नवरात्र के दौरान ही किया जाना बेहतर माना जाता है | लेकिन हरियाणा के चुनाव भी तो हैं और पार्टी को पड़ोसी राज्य में टीम भी लगानी है तथा परिणाम भी बड़ी आतुरता के साथ देखने है | परिणाम क्या होने हैं हमे तो आभास है | हो सकता है आपको भी हों ,वैसे हम एग्जिक्ट पोल और सर्वे में कम ही यकीन करते है लेकिन ईमानदारी से किये आंकलन कभी गलत नहीं होते | ये बात एक बार हमने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी को कही थी तो उन्होंने हामी भरते हुए कहा था एड्जेक्टली | परिणामों के बाद भाजपा में कुछ ना कुछ उठापटक तो होनी ही है , जिसके लिए लोगो का ध्यान भी बटाना होगा और कुछ बड़े निर्णय लेने होंगे | ना केवल दिल्ली अपितु विधानसभा चुनाव परिणामो के बाद भाजपा में बड़े स्तर पर संगठनात्मक फेरबदल होना है दिल्ली भी उससे अछूती नहीं रहने वाली |
आज हम केवल दिल्ली की बात करते हैं दरअसल सियासत में वीरेन्द्र सचदेवा का कद अरविन्द केजरीवाल के सामने कहीं नहीं टिकता | वैसे तो भाजपा के पास केजरीवाल की टक्कर का कोई बड़ा नाम है भी नहीं और यदि ले देकर एक दो नाम हैं भी तो उनमे आपसी टकराव बहुत ज्यादा है लिहाजा 26 साल से
दिल्ली की सत्ता से बे-दखल पार्टी बड़ा रिस्क लेने के मूड में नहीं है | पार्टी अभी नहीं तो कभी नहीं के मॉड में है ,पार्टी को लगता है अब ना तो केजरीवाल का दिल्ली में किसी से गठ्बन्धन होना और ना ही केजरीवाल के प्रचार में पुरानी वाली धार रहने वाली | शायद इसीलिए पार्टी के रणनीतिकार अब विधानसभा को भंग करवा राष्ट्रपति शासन लगवाने के मशविरे पर भी काम नहीं करने वाले |
ऐसा कर केजरीवाल के खिलाफ एंटी क्म्बेंसी का अस्त्र भी फेल होने की सम्भावनाएं रहेगी | उलटे केजरीवाल सहनुभूति बटोरने में कामयाब हो जायेगें | लिहाजा पार्टी बड़े चेहरे के साथ भ्रस्टाचार को ही मुद्दा बनाना चाहेगी | अब सवाल उठता है आखिर कौन हो सकता है वो बड़ा चेहरा , दिल्ली की सियासत में छोटे पर्दे और बड़े पर्दे वाले ही बड़े चेहरे नहीं हो सकते और ना ही वो केजरीवाल के सामने टिकने वाले, टिकने की बात तो छोड़ ही दीजिये यदि पार्टी उनसे केजरीवाल के सामने चुनाव लड़ने की भी बोल दें तो उनके तोते उड़ जायेगें | हमारा मानना है पार्टी जमीन से जुड़े किसी बड़े नेता की तलाश में है जिसने कभी कोई चुनाव नहीं हारा हो,जो सबको साथ लेकर चल सकता हों | जिसका जातीय समीकरण भी केजरीवाल को टक्कर दे सकता हो अबआप समझ ही गए होंगे आखिर क्या चल रहा है पार्टी के मन में | आज बस इतना ही …
Sumber : Nonton Bola