लवली नें ताकत झोंकी भाजपा में अपने लवलियों के लिए
* आधा दर्जन सीटों पर की पैरवी
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,राजधानी दिल्ली की सियासत में अरविन्द्र सिंह लवली जैसे नेता बहुत कम ही मिलते हैं जो सीधे जनता से जुड़े रहते हैं और अपने लोगो को भी कभीं नहीं छोड़ते | शायद अपनों के चक्कर में ही उन्होंने कांग्रेस से अपने चालीस साल पुराने रिश्ते खत्म कर प्रदेश अध्यक्ष जैसे पद को तिलांजली दे दी थी | हमारा भी लवली जी से करीब चार दशक पुराना नाता है | कालेज समय में जब हम छात्र संघ अध्यक्ष थे लवली जी भी बड़े लेवल पर छात्र राजनीती में सक्रिय थे |
मनीष तिवारी के साथ हम दोनों नें लम्बे समय तक एक साथ काम किया है | उस समय भी लवली अपने लोगो के लिए पार्टी से भिड़ जाते थे और अपने मनमाफिक फैंसले करा लिया करते | ये तो रही पुरानी बात अब थोड़ी चर्चा आज के लवली की कर लेते हैं | आपको याद होगा जब अरविन्द्र सिंह लवली नें लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से नाता तोडा तो दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राज कुमार चौहान ,विश्वास नगर के पूर्व विधायक नसीब सिंह,कस्तूरबा नगर के पूर्व विधायक नीरज बसोया ,युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमित मलिक भी उनके साथ भाजपा में शामिल हो गए थे | कुछ दिन बाद उनके पुराने सहयोगी जय कर्ण चौधरी ,कमल गौड़ तथा नगर निगम में विपक्ष के नेता रहे जय किशन शर्मा नें भी श्री लवली के सान्धिय में भाजपा का दामन थाम लिया था | जाहिर सी बात है राजनीती में ज्यादातर लोग दलबदल किन्ही सम्भावनाओं और अपेक्षाओं के चलते ही करते हैं | दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा नें दिल्ली चुनाव समिति में स्थान दे उनका मान बढ़ाया और वे भी अपनी पूरी क्षमता के साथ पार्टी की मजबूती के लिए जुट गए |
अपनी पुरानी आदत के अनुसार लवली अभी भी टीम लवली के लिए भरपूर प्रयास में जुटे हैं कि कुछ लोग विधानसभा का चुनाव लड़ जाएँ तो कुछ को सम्मानजनक ओहदे मिल जाए | मिली जानकारी के मुताबिक लवली नें भाजपा हाईकमान से आग्रह किया है वे चुनाव लड़े या नहीं लड़े लेकिन जो बड़े कद के नेता उनके साथ भाजपा में शामिल हुए हैं उन्हें जरुर मौका दिया जाए | चर्चा है सबको तो नही लेकिन लवली के कुछ लवली विधानसभा चुनाव लड़ जायेगें तो कुछ को पार्टी में सम्मानजनक ओहदे मिल जायेगें | सूचना तो हमारे पास कौन चुनाव लड़ सकते हैं की भी है लेकिन सब हमारे मित्र हैं इसलिए किसी का नाम देना हम उचित नहीं समझ रहे | आज बस इतना ही …