जल भराव के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसरों के खिलाफ होनी चाहिए सी.बी.आई जांच : नीलम चौधरी
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली में मानसून की पहली बरसात नें जिस तरह कहर बरसाया उससे साबित हो गया ना तो दिल्ली नगर निगम नें नालों की सफाई करायी और ना ही पी.डब्लू.डी और दिल्ली सरकार बाढ़ एवं नियन्त्रण विभाग नें | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती हैं नगर निगम तथा दिल्ली सरकार की ओर से दावे किये जा रहे थे नालों की सफाई का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है और मानसून से पहले सभी छोटे बड़े नालों की सफाई करा दी जायगी | लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पहली बरसात नें ही निगम और दिल्ली सरकार के भ्रस्टाचार की खोल कर रख दी |
नीलम चौधरी कहती हैं नालो की सफाई के लिए हर साल करोड़ों रूपये के बजट का प्रावधान होता है लेकिन वह भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ जाता है | उन्होंने कहा इस मामले की सी.बी.आई.जांच होनी चाहिए ताकि जिम्मेदार अफसर नप सकें | नीलम चौधरी कहती हैं कि मानसून की पहली बारिश में जल भराव ने पिछले 10 वर्षो के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह चिंताजनक है कि टर्मिनल-1 एयरपोर्ट की छत गिरने के बाद 1 व्यक्ति की मृत्यु हो गई और 20 लोग घायल होना केन्द्रसरकार की विफलता को दर्शाती है। नीलम चौधरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली और दिल्ली नगर निगम दोनों सत्ता है व केन्द्र में भाजपा की सरकार है, परंतु दिल्ली के हालात पिछले 10 वर्षों में बद से बदतर बन गए है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में शीला जी की सरकार थी, दिल्ली का चहुॅमुखी विकास हुआ तथा केन्द्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उपराज्यपाल के साथ कोई झगड़ा नही था और जल संकट, बिजली समस्या सहित जल भराव जैसी विकराल परिस्थितियों का दिल्लीवालों को सामना नही करना पड़ा। नीलम चौधरी ने कहा कि यह सरकार हर संकट पर गेंद एक दूसरे के पाले में फेंकने का काम कर रही है। जब पानी के लिए हरियाणा और यूपी से पहले मांग करने की जगह जल सत्याग्रह का नाटक करके दिल्ली की जनता गुमराह करने का काम किया।
दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी की सरकार चुनने के बाद अपनी गलती को महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि 82 प्रतिशत गाद निकालने का दावा करने के बाद दिल्ली में हुए जल भराव के बाद दिल्ली सरकार, पीडब्लूडी, दिल्ली नगर निगम, बाढ़ एवं सिंचाई विभाग, डीएसआईआईडीसी, एनडीएमसी, डीडीए द्वारा किए गए काम की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।