जापान के लोग भी चाहते हैं मोदी जी फिर बनें प्रधानमन्त्री, जापान में हुए शानदार स्वागत से गदगद हैं मनोज
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही मैली यमुना को ले सांसद मनोज तिवारी बेहद चिंतित है उनका मानना है यमुना की सफाई को ले दिल्ली की सरकार केवल हवा हवाई बयान जारी करती है लेकिन धरातल पर कोई कदम नहीं उठाती | यमुना कैसे साफ़ हो इसका अध्ययन करने मनोज तिवारी चार दिन की यात्रा पर जापान गए है | मनोज तिवारी नें बताया नें बताया वे 22 से 25 मई तक जापान की यात्रा पर हैं |
मनोज तिवारी नें बताया प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के बाद से जापान के लोग बेहद खुश है और वे भी चाहते है मोदी जी फिर से प्रधानमन्त्री बने | मनोज तिवारी नें बताया उनकी यात्रा के दो उद्देश्य है पहला तो यह कि यमुना की सफाई के लिए जापानी तकनीक का अध्ययन करना और कुछ निदान निकालना क्योंकि जापान अपनी नदियों को स्वच्छ रखने में दुनिया में सबसे आगे है | और दूसरा काशी से क्यूटो की यात्रा का सपना सफल करना | काशी से क्यूटो के मोदी जी के विजन को समझना | मनोज तिवारी नें बताया जापान में ऐसा स्वागत हुआ कि मन भावुक हो उठा | वे कहते हैं जापान के लोगो में मोदी जी नें भारत के प्रति जबर्दस्त प्रेम भर दिया है |
मनोज तिवारी कहते हैं कि अरविन्द केजरीवाल ने 2015 में सत्ता में आते ही 5 महीनों में यमुना को साफ करने का दावा किया था कि हम यमुना पानी इतना स्वच्छ बनाऐंगे जिसमें मैं डुबकी लगाकर दिखाउॅगा। परंतु पिछले 9 वर्षों में एसटीपी क्षमता बढ़ाने की दिशा में कोई काम नही किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने यमुना सफाई पर 6800 करोड़ रुपये खर्च किए है, परंतु यमुना में गंदगी जस की तस है। सीवर का पानी, फैक्ट्रियों के केमिकल वाला मलबा व अन्य गंदगी को यमुना में गिरने से रोकने के लिए पिछले 9 वर्षों में केजरीवाल सरकार ने कोई योजना नही बनाई है, सिर्फ खोखले वायदे किये है, जिसका परिणाम यमुना में अमोनिया की मात्रा इतनी अधिक है कि नदी का पानी जल प्रदूषित ही नही जहरीला हो चुका है।
मनोज तोवरी कहते हैं कि यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड का औखला में 110 एकड़ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था, जबकि इससे पूर्व मई 2021 में औखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा करने दावा किया था, परंतु यमुना में बहने वाले सीवेज को 564 एमएलडी प्रतिदिन क्षमता से ट्रीट के काम अभी पूरा नही हुआ है, जो केजरीवाल सरकार की बड़ी विफलता है। इस परियोजना से सेंट्रल व साउथ दिल्ली के नालों का सीवेज ट्रीट करने की योजना थी, जिसको दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार के चलते समय पर पूरा नही किया जा सका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने नजफगढ़ जोन में 14 मिनी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिस पर अभी तक काम शुरु नही हुआ।