शिंदे CM पद छोड़ने पर राजी, लेकिन ये पद मांगकर बढ़ा दी BJP की टेंशन; अमित शाह भी नहीं कर पाए कमिटमेंट

0
11
शिंदे CM
शिंदे CM पद छोड़ने पर राजी, लेकिन ये पद मांगकर बढ़ा दी BJP की टेंशन; अमित शाह भी नहीं कर पाए कमिटमेंट

महाराष्ट्र में नतीजे आए 6 दिन हो गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. इस मुद्दे पर महायुति में शामिल तीनों पार्टियों के नेताओं की अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ गुरुवार को बैठक भी हुई. करीब 1 घंटे तक चले मंथन में भी सीएम के नाम पर मुहर नहीं लग पाई है.

शिंदे गुट के सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में अपनी डिमांड रखीं. उन्होंने शिवसेना के लिए विधान परिषद के अध्यक्ष पद की मांग के साथ 12 मंत्री पद की मांग की है. इनमें गृह मंत्रालय और शहरी विकास समेत कई अहम विभाग शामिल हैं. शिंदे ने अमित शाह से अपील की कि वे पालक मंत्री (Guardian Minister) देते समय भी शिवसेना का उचित सम्मान बनाए रखें.

शिवसेना महायुति के साथ

एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर अमित शाह पर विश्वास करते हुए कहा कि शिवसेना महायुती के साथ है. हालांकि, बैठक में अमित शाह की ओर से शिंदे की मांगों पर कमिटमेंट नहीं की गई. शिंदे की मांगों को लेकर दोबारा से राज्य में मंथन होगा फिर जरूरत पड़ी तो दोबारा से अंतिम चर्चा के लिए दिल्ली का रुख किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने भाजपा के सीएम के लिए हामी भरी दी है और भाजपा का सीएम पद का चेहरा देवेंद्र फडणवीस ही होंगे. सीएम ये बखूबी जानते हैं की गृह मंत्री पद देवेंद्र के लिए कितना महत्वपूर्ण है और यही वजह है कि सीएम की रेस से बाहर आने के बाद एकनाथ शिंदे अपना दांव सोच समझकर चल रहे हैं.

शिंदे की मांगों पर विचार कर रही बीजेपी

सीएम की मांगों की वजह से ही नए मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल की शपथ में देरी हो रही है क्योंकि भाजपा किसी भी हालत में शिंदे की शिवसेना को आहत नहीं करना चाहती. बताया जा रहा है कि अगर शिवसेना को गृह मंत्री पद नहीं दिया गया तो भाजपा नगर विकास के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालय शिंदे खेमे को दे सकती है. लेकिन खबर ये भी है कि शिंदे की नाराजगी दूर करने के लिए भाजप गृह मंत्रालय देने पर विचार भी कर सकती है, क्योंकि शिंदे अगर नाराज हुए तो उसका असर सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं केंद्र की NDA सरकार में शामिल अन्य छोटे दलों पर भी पड़ेगा.

दरअसल, महाराष्ट्र के जरिए बीजेपी ये बताने की कोशिश करेगी कि वो कभी भी अपने मित्रों पर अन्याय नहीं होने देती और जो साथ है उसका सम्मान भी करती है. बताया जा रहा है कि शपथग्रहण अब 5 दिसंबर तक हो सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here