आजकल पार्टियों और नेताओं में होड़ मची है कि कौन मुफ्त में क्या क्या देने का वादा कर सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और गोवा में हर महिला को हर महीने एक-एक हजार रुपए देने का वादा किया तो उससे एक कदम आगे बढ़ कर ममता बनर्जी की पार्टी ने हर परिवार में महिलाओं को हर महीने पांच हजार रुपए देने की घोषणा की। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि गृह लक्ष्मी योजना के तहत हर परिवार को हर महीने पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। सोचें, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की करीब 11 साल से सरकार है लेकिन वहां गृह लक्ष्मी योजना नहीं है। वहां हर परिवार को महिलाओं के लिए पांच हजार रुपए नहीं दिए जा रहे हैं। लेकिन गोवा में सरकार बनी तो देंगे।
इसी तरह केजरीवाल की सात साल से दिल्ली में सरकार चल रही है लेकिन दिल्ली में महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए नहीं मिल रहे हैं पर पंजाब और गोवा में एक-एक हजार का महीना देंगे। अब अगर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा प्रचार में पहुंचे और केजरीवाल व ममता से कुछ ज्यादा देने का वादा कर दें तो क्या होगा? वैसे कांग्रेस ने पिछले चुनाव से पहले ऐलान किया था कि उसकी सरकार बनी तो हर किसान को छह हजार रुपए महीना यानी हर साल 72 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह केजरीवाल और ममता दोनों के वादे से ज्यादा बड़ा वादा है।
एक नेता एक हजार देगा, दूसरा पांच हजार देगा और तीसरा छह हजार देगा। जब कोई पूछ रहा है कि पैसे कहां से आएंगे तो कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार रोकेंगे और उससे बचने वाला पैसा लोगों को देंगे। फिर सवाल है कि बाकी राज्यों में जहां आपकी सरकार है क्या वहां भ्रष्टाचार नहीं रोक पा रहे हैं, जो लोगों को नकद पैसे नही मिल रहे हैं?