प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन जी को उनके जन्म दिवस पर आदरांजली दे रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी मौजूदा राष्ट्रपति भी शिक्षिका हैं। उनके जीवन का प्रारंभिक काल शिक्षक के रूप में बीता। आज देश जब आजादी के अमृतकाल के अपने विराट सपनों को साकार करने में जुट चुका है, तब शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन जी के योगदान हम सभी को प्रेरित करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस मौके पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। देश आज नए सपने, नए संकल्प लेकर एक नए मोड़ पर खड़ा है। मौजूदा पीढ़ी जो विद्यार्थी के रूप में अभ्यास कर रही है, 2047 में हिंदुस्तान कैसा बनेगा यह उन्हीं पर निर्भर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका ही किसी व्यक्ति को रोशनी दिखाने की होती है, वो सपने बोता है। शिक्षकों को न केवल छात्रों को शिक्षित करना है वरन उनके जीवन को बदलना है। मौजूदा वक्त में भारत अपने शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की सही दिशा में बढ़ रहा है। देश की नई शिक्षा नीति की दुनिया भर में सराहना हो रही है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत का ब्रिटेन से आगे निकलना विशेष है क्योंकि देश ने उन लोगों को पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने 250 वर्षों तक हम पर शासन किया था।