मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- बीजेपी सांसद तीन साल की सजा होने पर डिसक्वालिफाई नहीं, फिर राहुल गांधी क्यों?
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- सरकार कानून अपने हाथ में लेकर लोगों को डिसक्वालिफाई कर रही है, उनका मुंह बंद कर रही है.
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, बीजेपी के एक सांसद ने अनुसूचित जाति के डॉक्टर को तमाचा मारा था. तब उसने सांसद के खिलाफ अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम (SC/ST Atrocities Act) के तहत केस रजिस्टर कराया था. इस केस में बीजेपी सांसद को तीन साल की सजा हुई लेकिन वह डिसक्वालिफाई नहीं हुआ.
‘लाइटनिंग स्पीड’
उन्होंने कहा कि, बीजेपी का सांसद 16 दिन के बाद स्टे लेकर फिर वापस लोकसभा आ सकता है लेकिन राहुल गांधी जी को जब डिफेमेशन केस में दो साल की सजा हुई होती है तो ‘लाइटनिंग स्पीड’ में डिसक्वालिफिकेशन होता है. इससे आप अंदाजा लगाईए कि सरकार किस ढंग से कानून अपने हाथ में लेकर लोगों को डिसक्वालिफाई कर रही है, उनका मुंह बंद कर रही है. और खासकर राहुल गांधी, जो खुलकर बोलते हैं, उनकी आवाज बंद करने की पूरी कोशिश कर रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, लेकिन हमारी जो मुहिम है, लड़ाई है, वह जारी रहेगी. गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने इसकी शिकायत की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई.
बजट सत्र में आगे की रणनीति पर हुई चर्चा
आज सुबह कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के बजट सत्र में आगे की रणनीति पर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि विपक्षी सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के विषय पर चर्चा करने की मांग जारी रखने का निर्णय किया गया. कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि, यह फैसला हुआ है कि कल सभी विपक्षी दलों के सांसद बजट सत्र पर तथ्य रखेंगे. सभी विपक्षी दलों के सांसद तिरंगा मार्च में भाग लेंगे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए.
केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने तथा दो साल की सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया.
‘‘मोदी उपनाम”
सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम” संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.