अदालत ने मोरबी पुल टूटने के मामले में सात आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कीं

0
120

मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल का पुल मरम्मत के बाद फिर से खोले जाने के कुछ दिनों के उपरांत 30 अक्टूबर, 2022 को टूट गया। ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने एक फरवरी को यहां एक अदालत में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मोरबी पुलिस ने पिछले हफ्ते इस मामले में आरोपत्र दाखिल किया था। मामले में पटेल समेत अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए अन्य नौ लोगों में कंपनी के दो प्रबंधक, दो टिकट बुकिंग क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और दो उप-ठेकेदार शामिल हैं, जो ओरेवा समूह द्वारा मरम्मत कार्य में शामिल थे। इन नौ लोगों की जमानत याचिकाएं पूर्व में गुजरात उच्च न्यायालय और सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी। दो उप-ठेकेदारों को छोड़कर अन्य सात लोगों ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर जमानत के लिए अदालत का रुख किया।

इससे पूर्व पुल टूटने के संबंध में जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कंपनी की ओर से बरती गई कई लापरवाही का हवाला दिया था। जांच से पता चला था कि कंपनी द्वारा लगाए गए धातु के नए फर्श ने संरचना का वजन बढ़ा दिया था और उसने जंग लगी केबल को भी नहीं बदला, जिस पर पूरा पुल लटका हुआ था। जयसुख पटेल सहित सभी 10 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 336, 337 और 338   के तहत आरोप लगाए गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here