फायर ब्रांड लीडर स्मृति ईरानी लड़ सकती है दिल्ली से विधानसभा चुनाव

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स्मृति ईरानी मानसिक संतुलन खो रही हैं, पीएम मोदी को उनका इलाज कराना चाहिए:  यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय - द इकोनॉमिक टाइम्स

 

फायर ब्रांड लीडर स्मृति ईरानी लड़ सकती है दिल्ली से विधानसभा चुनाव

पूर्वी दिल्ली या चांदनी चौक से उतर सकती हैं मैदान में
केजरीवाल के सामने भी उतारा जा सकता है

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,जी हाँ आप ठीक समझे हम उन्ही स्मृति ईरानी की चर्चा करने जा रहे हैं जो अमेठी में राहुल गांधी जैसे दिग्गज को लोकसभा चुनाव हराकर ना केवल भारत में अपितु पूरी दुनिया के मीडिया में छा गई थी | और कांग्रेस= के एक साधारण कार्यकर्ता किशोरी लाल से हारने के बाद भी स्मृति ईरानी की चर्चा दुनिया भर की मीडिया में हुई थी | अब तो समझ ही गए होंगे आप, चर्चा में रहती है स्मृति ईरानी | गत दिनों राहुल गांधी की तारीफ़ कर भी चर्चा में रही थी स्मृति |

आप को याद दिला दें ये वही स्मृति ईरानी है जिन्होंने गुजरात दंगों को ले नरेंद्र मोदी तक पर गंभीर आरोप लगा दिए थे | यानी विवादों में रहना इनकी पुरानी आदत है और सत्ता से बेदखली इन्हें कदाचित पसंद नहीं है | और सत्ता भी ऐसी की सत्ता की सीढियां भी इनके दरवाजे से शुरू होती थी बड़े से बड़े मंत्री इनके दरबार में हाजरी लगा खुद को भाग्यशाली समझते थे | इसे समय की करवट समझिये या ग्रह चाल वक्त के साथ -साथ हालात बदल गए लेकिन स्मृति नें हिम्मत नहीं हारी और लग गई नई मंजिल की राह टटोलने |

यह तो वक्त ही बतायेगा उन्हें मंजिल मिलती है या नहीं लेकिन उन्होंने इस ओर प्रयास करने तो शुरू कर ही दिए हैं | सत्ता का केंद्र बिंदु रही स्मृति की निगाहें फिर से दिल्ली की सियासत पर पड़नी शुरू हो गई है और वैसे भी दिल्ली में भाजपा के पास ग्लेमर के लिहाज से स्मृति की टक्कर का कोई दूसरा चेहरा भी नहीं है जो अरविन्द केजरीवाल जैसे धुरंधर के सामने टिक सके | लिहाजा चर्चा है स्मृति को एक बार फिर से दिल्ली की सियासत में शतरंज की बिसात बिछाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है लेकिन इसके लिए उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ना होगा और जीतना होगा | जो महिला राहुल गाँधी जैसे चेहरे को चैलेन्ज करके हराने की हिम्मत रखती है वो कोई भी चुनोती स्वीकार कर सकती है | ऐसे में माना जा रहा है स्मृति किसी साधारण शक्स के सामने नहीं बल्कि ताकतवर के सामने चुनाव लड़ मुकाबले को रोमांचक बनाना चाहेगी | ऐसा कर स्मृति हार जीत से बहुत ऊपर पहुंचने का प्रयास करेगी इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | समझ गए ना आप स्मृति कहाँ से लड़ सकती है चुनाव ,वैसे स्मृति की ईच्छा चांदनी चौक से लड़ने की है लेकिन पार्टी उन्हें अरविन्द केजरीवाल या मनीष सिसोदिया के सामने लडवा कर देश में चर्चा बनाने से नहीं चूकने वाली | आज बस इतना ही …

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