लगातार बिगड़ती जा रही है दिल्ली की कानून व्यवस्था : नीलम चौधरी

0
36

राज्य तथा केंद्र सरकार दोनों है जिम्मेदार

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था लगातार
बिगड़ती जा रही है | आलम यह है कि छोटी-छोटी बात पर हिंसक हो लोग हत्या
की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की
उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती हैं नाबालिग भी संगीन अपराधों
में शामिल हो रहे हैं | नीलम चौधरी कहती हैं कानून व्यवस्था को केंद्र
सरकार के अधीन बताकर दिल्ली सरकार भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़
सकती |
नीलम चौधरी कहती हैं गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल और दिल्ली
सरकार को आरोप-प्रत्यारोप बंद करना चाहिए और बच्चों और छात्रो के खिलाफ
अपराधों की बढ़ती दर को रोकने के लिए समन्वय में काम करना चाहिए। नीलम
चौधरी  ने तिमारपुर में 14 वर्षीय स्कूली छात्र की हत्या पर गहरी चिंता
व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस  घटना ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी
में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर कर दिया है। अभी हाल ही
में भजनपुरा में 12वीं कक्षा की स्कूली छात्र की भी कुछ युवकों के साथ
कहा सुनी के बाद बेरहमी से हमला करने पर इसकी हत्या कर दी गई थी ।
नीलम चौधरी कहती हैं  कि मारपीट, हत्या, झपटमारी, महिलाओं और बच्चों पर
हमले जैसे अपराध बढ़ने के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस,
उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार ने अपराधों को रोकने के लिए कोई मजबूत और
प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने घरों से बाहर
निकलने से डरती हैं और जो लोग ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा से यात्रा करते हैं
वे स्नैचरों का आसानी से निशाना बन रहे हैं।  उन्होंने कहा कि हाल ही
में, अरुणाचल प्रदेश की एक 66 वर्षीय महिला को बाइक सवार एक व्यक्ति ने
ई-रिक्शा से बाहर खींच लिया और उसका पर्स छीन लिया, और तीन दिन बाद उसने
दम तोड़ दिया, जो बहुत चौंकाने वाला था। महिला राष्ट्रीय राजधानी के दौरे
पर थी।
नीलम चौधरी  ने कहा कि यह जानकर निराशा हुई कि 2022 के दौरान बच्चों के
खिलाफ अपराध के 1,लाख 62 हजार 449 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष की
तुलना में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। नीलम चौधरी ने कहा कि
केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार को
सुरक्षा खामियों के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय, राष्ट्रीय
राजधानी को बच्चों और महिलाओं के साथ-साथ अब बुजुर्गों के लिए भी
सुरक्षित बनाने के लिए समन्वय से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र
, महिलाएं और किशोर लड़कियां और लड़के हर नुक्कड़ पर अपराधियों का सामना किए
बिना अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते हैं, जो दिल्ली में कानून और
व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने को उजागर करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here