Delhi: 100 दिन में क्या बदला यमुना का हाल? कांग्रेस नेता वेद प्रकाश बेदी का भाजपा पर बड़ा हमला

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Delhi: 100 दिन में क्या बदला यमुना का हाल? कांग्रेस नेता वेद प्रकाश बेदी का भाजपा पर बड़ा हमला

नई दिल्ली (सी.पी.एन. न्यूज): दिल्ली में भाजपा सरकार के शुरुआती 100 दिन पूरे होने पर जहां सरकार अपनी उपलब्धियों के विज्ञापन व कार्यक्रमों के ज़रिये जमकर प्रचार कर रही है, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने इस प्रदर्शन को खोखला बताते हुए कड़ी आलोचना की है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के डेलीगेट वेद प्रकाश बेदी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी सरकार ने सौ दिन में न केवल जनता को गुमराह किया बल्कि हर रोज़ एक नया झूठ बोया।

वेद प्रकाश बेदी ने विशेष रूप से यमुना की सफाई को लेकर भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावी सभाओं में यमुना को साफ करने का वादा कर जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद यह वादा भी बाकी वादों की तरह खोखला साबित हुआ। श्री बेदी ने तंज कसते हुए कहा, “क्या कोई बता सकता है कि यमुना सफाई अभियान में अब तक क्या प्रगति हुई है? फोटो खिंचवाने के अलावा कोई ठोस कार्य क्यों नहीं हुआ?”

दरअसल, यमुना की सफाई को लेकर स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) की हालिया रिपोर्टों के अनुसार, मार्च, अप्रैल और मई के महीनों में यमुना के जल की गुणवत्ता में और गिरावट आई है। ओखला बैराज पर झाग की समस्या पहले से अधिक विकराल हो चुकी है, और अमोनिया के स्तर में बढ़ोत्तरी के चलते जल संकट भी उत्पन्न हो रहा है। इन दिनों बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की घटनाएं सामने आई हैं, जो जल की विषाक्तता की गंभीरता को दर्शाती हैं।

बेदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने से पहले अपने संकल्प पत्र में कई वादे किए थे – जैसे महिला समृद्धि योजना के तहत खाते में राशि डालना, रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध कराना, अटल कैंटीन योजना के तहत 100 कैंटीन खोलना, कूड़े के पहाड़ खत्म करना और युवाओं को रोजगार देना – लेकिन आज तक इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।

पल्ला, जो कि दिल्ली का प्रवेश बिंदु है, वहां पर भी यमुना का प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ पाया गया है। इससे साफ है कि केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि हरियाणा को भी यमुना की सफाई में साझेदार बनाना अनिवार्य है। रिवरफ्रंट विकास के नाम पर सरकार केवल जनता को भ्रमित कर रही है, जबकि वास्तविक जरूरत यमुना खादर को उसकी प्राकृतिक स्थिति में बहाल करने की है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी यमुना खादर क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के नाम पर हो रहे कंक्रीट निर्माण पर आपत्ति जताई है। पर्यावरणविदों का मानना है कि नदी और उसके इकोसिस्टम के साथ किया जा रहा यह खिलवाड़ आने वाले समय में गंभीर संकट को जन्म देगा।

बेदी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अब जबकि भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार सत्ता में है, उम्मीद थी कि समन्वय बेहतर होगा, लेकिन दुर्भाग्यवश परिणाम इससे उलट हैं। सरकार ने ना केवल यमुना सफाई जैसे गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज किया है, बल्कि जनता के पैसों को केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च कर अपने शुरुआती 100 दिनों को उत्सव में तब्दील कर दिया है।

उन्होंने अंत में कहा कि जनता अब इन झूठे वादों और दिखावे से थक चुकी है। जनता को अब काम चाहिए, पानी चाहिए, साफ यमुना चाहिए – न कि केवल वादों की झड़ी और विज्ञापनों की चमक।

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