कानून व्यवस्था चरमराने के लिए दिल्ली और केंद्र दोनों जिम्मेदार : नीलम चौधरी
* आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करती हैं दोनों पार्टियाँ
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली क्राइम कैपिटल भी बन चुकी है | आलम यह है महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ते जा रहे है | महिलाएं हों या किशोरी अपने घरों तक में सुरक्षित नहीं है | रात तो क्या दिन दहाड़े ही महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं हमले हो रहे हैं ,छेड़छाड़ की वारदातें हो रही हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती हैं इन सबके लिए दिल्ली सरकार केंद्र सरकार पर ठीकरा फोडती है | पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी आये रोज बिगडती कानून व्यवस्था के लिए केंद सरकार पर हमला बोलते रहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार भी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड सकती | कि दिल्ली की कानून व्यवस्था पर छाती पीटने वाले वही अरविंद केजरीवाल है जिन्होंने 2013 के निर्भया कांड के बाद दिल्ली की जनता को भरोसा दिया था कि हमें दिल्ली की सत्ता सौंपे, दिल्ली की कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, बच्चियों की सुरक्षा, उनकी उत्पीड़न, अत्याचार और बलात्कार जैसी घटनाओं से रक्षा और सुरक्षा करने की जिम्मेदारी हम निभाऐंगे।
दिल्ली में ध्वस्त कानून व्यवस्था के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनो बराबर की जिम्मेदार है, राजधानी अपराध में नम्बर वन और महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न और यौन शोषण के मामलों के कारण रेप केपिटल बन चुकी है। नीलम चौधरी ने कहा कि राजधानी में कानून व्यवस्था इतनी भयावह हो गई है कि लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। दैनिक घटनाएं लगातार बढ़ने के कारण शहर का संतुलन बिगड़ गया है। पिछले कुछ हफ्तों में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं, प्रतिदिन बलात्कार, अपहरण, हत्याएं और हमले हो रहे हैं। केजरीवाल और भाजपा नेता कानून व्यवस्था व्यवस्थित करने में पूरी तरह कमजोर साबित हुए है।
राजनीतिक अपेक्षाओं की पूर्ति हेतू काम करने वाली भाजपा और आम आदमी पार्टी सिर्फ बयानबाजी कर रही है। उन्होंने कहा कि व्यापारी, व्यवसायी अपने जीवन और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को लेकर भय में जी रहे हैं, क्योंकि अपराधी पुलिस पर भी हमला करने से नही डर रहे है, गोविंदपुरी में कांस्टेबल की हत्या इसका प्रमाण है।
नीलम चौधरी ने कहा कि दिल्ली में लोगों के लिए कुछ करने की जगह अरविन्द केजरीवाल प्रेसवार्ता में प्रतिदिन होने वाली घटनाओं की तिथिवार जानकारी देकर आखिर क्या साबित करना चाहते है, जबकि दिल्ली में रोज होती गोलीबारी, लूट, किडनैपिंग, गैंगवार, रंगदारी, मर्डर, अत्याचार, साईबर क्राईम, महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं से अखबार भरे पड़े है। अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल से छूटे दो भ्रष्टाचार के आरोपी है जो दिल्लीवालों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय दिल्लीवालों की परेशानी और पीड़ा को कम करने के लिए काम करने की बजाय लगातार आरोप प्रत्यारोप की राजनीति को अंजाम दे रहे है, जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है।
नीलम चौधरी ने कहा कि यह चिंताजनक है कि अरविन्द केजरीवाल दिल्ली मेट्रो और दिल्ली की डीटीसी/कलस्टर बसों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, लूटपाट, अपराध और अत्याचार, झपटमारी आदि घटनाओं की जिम्मेदारी के लिए दूसरों पर आरोप लगाने की परम्परा उनकी कमजोर मानसिकता का प्रमाण है। जब मेट्रो दिल्ली की, डीटीसी बसें दिल्ली की उसमें सुरक्षा कैसे दिल्ली की नही है, केजरीवाल जवाब दें। मार्शलों को एक आदेश के बाद पदमुक्त करने वाले अरविन्द केजरीवाल की लापरवाही के कारण महिलाएं बसों और मेट्रों उत्पीड़न और अत्याचार झेल रही है।
नीलम चौधरी ने कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था खराब होने के बावजूद, वर्तमान स्थिति के लिए सबसे बड़े दोषी अरविंद केजरीवाल है, जबकि भाजपा की केन्द्र सरकार के गृहमंत्री पुलिस पर नियंत्रण न कर पाने के लिए बराबर के जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि सत्ता में बैठे लोग अपनी गलतियों के लिए एक दूसरे को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश करते हैं, जबकि जनता आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच नूरा कुश्ती की लड़ाई का परिणाम भुगत रही है।