अतिक्रमण की समस्या से दिन भर जूझता है अशोक नगर वार्ड : रीना माहेश्वरी

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अतिक्रमण की समस्या से दिन भर जूझता है अशोक नगर वार्ड : रीना माहेश्वरी
अतिक्रमण की समस्या से दिन भर जूझता है अशोक नगर वार्ड : रीना माहेश्वरी

अतिक्रमण की समस्या से दिन भर जूझता है अशोक नगर वार्ड : रीना माहेश्वरी

* भ्रष्टाचार है अतिक्रमण की मेन वजह

– शिवा कौशिक –

नई दिल्ली ,नगर निगम और पुलिस विभाग के भ्रष्ट और लालची अधिकारियों की मेहरबानियों की वजह से अशोक नगर वार्ड में लगातार बढ़ रही है अतिक्रमण की समस्या, ऐसा कहना है अशोक नगर वार्ड की निगम पार्षद रीना माहेश्वरी का। अशोक नगर वार्ड में लगातार बढ़ रही अतिक्रमण की समस्या पर बात करते हुए रीना माहेश्वरी ने कहा कि एक बात बताइए कि क्या यह जनता के अधिकारों का हनन नहीं है कि एक लंबी चौड़ी सड़क जिस पर आराम से बिना किसी जाम के लोगों का एवं यातायात का आना जाना हो सकता है उसी रोड पर अतिक्रमण की वजह से घंटों तक का लंबा जाम लग जाता है और लोग कड़ी तपती धूप में चारों तरफ से वाहनों से निकल रहे धुएं और प्रदूषण के बीच में जाम खुलने का, वाहनों के आगे चलने का खड़े हुए बस इंतजार ही करते रहते है, मेरे हिसाब से तो बिल्कुल यह जनता के अधिकारों का हनन है क्योंकि यह जनता का अधिकार है कि वह खुली साफ हवा में रहे लेकिन निगम के अधिकारियों और पुलिस विभाग में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार के कारण सड़कों पर लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है और इसी वजह से लोग कड़ी तपती धूप में चारों तरफ से वाहनों से निकल रहे धुएं और प्रदूषण के बीच में जाम खुलने के इंतजार में खड़े रहने को मजबूर है।

रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि लेकिन जनता के इन अधिकारों का हनन कर कौन रहा है? जनता के इन अधिकारों का हनन कर रहे है निगम और पुलिस के वो सरकारी अधिकारी जो खुद तो 5×6 के एसी कमरे में बैठे हर महीने सरकार से मिल रहे तय वेतन को पाकर अपने बैंक बैलेंस को बढ़ाने में लगे हुए है और देश के संविधान और ईमानदारी की प्रतिष्ठा को कम करके जनता को परेशान होने के लिए छोड़ दिया है। रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि जब एक इंसान अपनी जिंदगीभर की मेहनत की कमाई से अपने घर बनाने के सपने को पूरा करने के लिए अपने घर का निर्माण कार्य शुरू करवाता है तो पहली ईट रखते ही आंखों में घुस के पैसों के लालच को लेकर निगम के अधिकारी और पुलिस वाले उस इंसान के पास पहुंच जाते है और उस इंसान से न जाने कितने इधर उधर के सवाल पूछ कर उसे परेशान करके उससे पैसे ले जाते है यह कहते हुए कि अब तुम्हारे मकान बनने में कोई दिक्कत नहीं आएगी और एक बेचारा आम इंसान कानून और अपने अधिकारों से अंजान इन भ्रष्ट निगम और पुलिस अधिकारियों को पैसे दे भी देता है क्योंकि उसे अपने परिवार के लिए घर बनाना है, और यह बात बिल्कुल सौ प्रतिशत सच है, मुझे यह कहने में बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं है कि निगम और पुलिस अधिकारी भ्रष्ट है और हिचकिचाहट हो भी क्यों हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें सच की राह पर चलना सिखाया है और वैसे भी जब इन निगम और पुलिस के अधिकारियों को घुस लेते हुए शर्म नहीं आती तो मुझे सच कहते हुए शर्म क्यों आए। रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि लेकिन एक मिनट तो अगर निगम और पुलिस अधिकारी इतने ही मुस्तैद है तो फिर नथु कॉलोनी चौक से लेकर रेलवे फाटक तक, अशोक नगर की चप्पल मार्केट, मंडोली रोड, वजीराबाद रोड पर दुकानदारों और ठेले वालों के द्वारा लगातार अतिक्रमण बढ़ कैसे रहा है, शायद इसका जवाब आप सभी को मालूम है भ्रष्टाचार की मदद से, निगम और पुलिस अधिकारियों की घुस लेकर गलत कार्य को भी सही करने की आदत की वजह से।

रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि निगम और पुलिस अधिकारियों के इसी भ्रष्ट रवैये के कारण दुकान वालों की दुकान सड़क तक आ गई है और इन लंबी चौड़ी सड़कों पर लगभग 100 रेहड़ी और ठेले वाले सड़क घेरकर खड़े रहते है। रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि मुझे निगम विभाग और पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों के ऊपर हसी आती है और मुझे समझ नहीं आता कि यह उच्च अधिकारी इतने बेवकूफ है या छोटे पद के अधिकारी ज्यादा समझदार है की वह अपनी घूसखोरी की आदत का उच्च अधिकारियों को पता ही नहीं लगने देते। रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि माफ कीजियेगा कि मुझे थोड़े कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है लेकिन आज मैं खुल के सच बोलूंगी क्योंकि अगर आज मैं सच नहीं बोलूंगी तो यह मेरे क्षेत्र की जनता के साथ धोखा करना होगा जो मैं नहीं चाहती और सच यही है कि जब तक निगम और पुलिस विभाग में लालची, पैसों के भूखे, जनता से भ्रष्टाचार और घुस के माध्यम से पैसे कमाने वाले बैठे है तब तक अतिक्रमण यूंही बढ़ता रहेगा, सड़कों पर लंबा लंबा जाम लगता रहेगा, जनता परेशान होती रहेगी और अधिकारी अपने घरों में घुस के पैसे छुपाकर रखते रहेंगे। रीना माहेश्वरी ने आगे कहा कि निगम और पुलिस अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार के सहारे, हफ्ते के नाम पर जनता से पैसे वसूल कर, जनता के अधिकारों का, देश के संविधान का, ईमानदारी का सरेआम मजाक बनाया जा रहा है और निगम प्रशासन ने अपनी आंखों पर भ्रष्टाचार और बेवकूफी की पट्टी बांध रखी है और सच यही है जिसे कोई झूठ, कोई बहाना छुपा नहीं सकता।

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