Atishi पर Arvinder Singh Lovely का हमला, कहा- ‘मंत्री का काम जनता को डराना नहीं, समस्या का समाधान देना है’

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Arvinder Singh Lovely का Atishi पर हमला, कहा- ‘मंत्री का काम जनता को डराना नहीं, समस्या का समाधान देना है’

Arvinder Singh Attack On Atishi Said Minister Job Not To Scare Public  Provide Solutions To Problems | Arvinder Singh Lovely का Atishi पर हमला, कहा-  'मंत्री का काम जनता को डराना नहीं,

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने रैपिड रेल के लिए दिल्ली सरकार द्वारा फंड जारी न करने की सोच को दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर कुठाराघात बताया.

दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा दिल्ली जल बोर्ड का फंड रोकने को लेकर मंत्री आतिशी (Atishi) के बयान पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने हमला बोला है. लवली ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि दिल्ली सरकार की मंत्री की धमकी है कि अगर दिल्ली जल बोर्ड को फंड नहीं दिया गया तो कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया है कि कि मुख्य सचिव के आदेश पर वित्त सचिव ने फंड को रोक दिया है.

अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि आतिशी द्वारा जारी बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों और नौकरशाहों को आरोप-प्रत्यारोप बंद कर लोगों के हित और कल्याण के लिए काम करना चाहिए. इसके उलट दिल्ली में मंत्री खुद धमकी दे रही हैं कि अगर दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया तो लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा और सीवर बह जाएंगे.

कांग्रेस के समय डीजेबी मुनाफे में था

दिल्ली कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है कि दिल्ली की मंत्री और नौकरशाहों के बीच अंदरूनी लड़ाई को सार्वजनिक करके अपनी जिम्मेदारी से भागने और लोगों को परेशानी में डालने की धमकी दे रहे हैं. जबकि मंत्री आतिशी को समस्या का समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में दिल्ली जल बोर्ड का घाटा 60,000 करोड़ तक पहुंच गया है. जबकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार के समय दिल्ली जल बोर्ड मुनाफे में चलता था.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का चरमराना लापरवाही का नतीजा

कांग्रेस नेता का कहना है कि यह चौंकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट को रैपिड रेल परियोजना में राज्य के 415 करोड़ रुपये के योगदान का भुगतान न करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगानी पड़ी है. बता दें कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है कि यदि दिल्ली सरकार ने रैपिड रेल परियोजना के लिए अपने वित्तीय दायित्व को पूरा नहीं किया तो दिल्ली के विज्ञापन फंड को स्थानांतरित करके रैपिड रेल परियोजना को अदायगी की जाएगी. सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन खस्ताहाल है. दिल्ली सरकार को रैपिड रेल परियोजना में पूरा सहयोग करना चाहिए था, क्योंकि परियोजना के समय पर पूरा होने से दिल्ली के लाखों परेशान यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. ऐसे हालात में राजधानी में सार्वजनिक परिवहन में जल्द सुधार की कोई संभावना नहीं है.

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