हर्ष मल्होत्रा को प्रदेश अध्यक्ष की तो मनोज तिवारी को मिल सकती है मंत्री पद की जिम्मेदारी
* वीरेन्द्र सचदेवा की लाबी भी जुटी है मजबूती से
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,वैसे तो हैडलाइन पढकर ही सब कुछ समझा जा सकता है लेकिन राजनीति अनिश्चितताओं का खेल सदा रहा है जब तक घोषणा नहीं हो जाती अनिश्चितता बरकरार रहती है | जी हाँ हम सही कह रहे है राजनीती में सुबह कुछ तो शाम को कुछ ऐसा होता आया है | लेकिन दिल्ली भारतीय जनता पार्टी में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा केवल इसी बात की है आखिर वीरेन्द्र सचदेवा की जगह कौन बनने जा रहे हैं दिल्ली के नये सरताज |
सरताज हमने इसलिए लिखा आखिर ट्रिपल इंजन परिवार के दिल्ली के मुखिया जो होंगे | जहां तक हमारी जानकारी है वीरेन्द्र सचदेवा को बदलने का मन पार्टी बना चुकी है हालांकि उन्हें और अच्छी एडजस्टमेंट की भी चर्चा है,और होनी भी चाहिए , उनके पैरवीकार भी कोई कम बड़े नहीं है उनका मानना है आखिर वीरेन्द्र सचदेवा की लीडरशिप में भाजपा नें 27 साल का वनवास जो खत्म किया है इतना ही उन्होंने अरविन्द केजरीवाल को हर मोर्चे पर टक्कर दे भाजपा का माहौल बनाया और जो जीता वही सिकन्दर कहलाया |
जाहिर सी बात है सिकन्दर के साथ विवाद भी रहते हैं लिहाजा उनके खिलाफ गत दिनों हुई रायशुमारी में ज्यादातर लोगों नें जहर उगला और अपने मशविरे में कहा दिल्ली को अब ऐसे अध्यक्ष की जरूरत है जो ट्रिपल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पंहुचाए और तीनों सरकारों के साथ तालमेल से चले और अपने आपको उनसे सुपर नहीं समझे | ऐसे में शालीन समझे जाने वाले केन्द्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा का नाम सबसे तेजी के साथ उभर कर सामने आ रहा है | हर्ष के पक्ष में शालीनता ,सन्गठन का अनुभव ,नगर निगम के साथ साथ केंद्र सरकार का अनुभव और कार्यकर्ताओं से घनिष्ठ सम्बन्ध बताये जा रहे हैं | अब सवाल उठता है यदि हर्ष अध्यक्ष बनते हैं तो दिल्ली के कोटे से केंद्र में मंत्री कौन बनेगा ऐसे में मनोज तिवारी का दावा सबसे मजबूत इसलिए बनता है दिल्ली से वे अकेले तीन बार जीते अनुभवी सांसद है और भाजपा हाईकमान बिहार चुनाव में उनकी उपयोगिता भी समझता है ,समझ गए ना आप मनोज भैया के मंत्री बनने से दिल्ली और बिहार दोनों सधते हैं और वो भी चुनावी समय में |
शायद मनोज भैया भोलेनाथ से यही मांगने गए भी है कांवड़ लेने | हमने पहले भी लिखा राजनीती अनिश्चितताओं का खेल है वीरेन्द्र सचदेवा के लिए अभी भी एक बड़ी लाबी जिसमें अरुण खन्ना से लेकर बैजेंत पांडा और संघ की बड़ी पंजाबी लाबी लगी है तो मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की पहली और आखरी पसंद सतीश उपाध्याय बतायी जा रही है ,वैसे आधा दर्जन विधायक और चार सांसद भी प्रदेश अध्यक्ष के लिये दावेदार है सबके नाम फिर कभी क्योंकि अभी निर्णय होने में समय लगना है |
हालांकि रायशुमारी जो राष्ट्रीय सह-सन्गठन मंत्री शिवप्रकाश जी नें की थी की रिपोर्ट हाईकमान के पास पहुंच चुकी है ,पार्टी में एक सोच यह भी बन रही है किसी नामचीन चेहरे के स्थान पर एकदम नये चेहरे को लाया जाए जिसका किसी विवाद से नाता नहीं रहा हो ऐसे में चौकाने वाले कुछ नाम भी हमारी जानकारी में आये हैं जिनमे विनय रावत और सतेन्द्र सिंह की भी चर्चा है ये कौन हैं और इनका क्या योगदान है पार्टी नेत्रत्व को मालुम है रही आपकी बात अगले लेख में इनकी चर्चा भी विस्तार से करेगें आज बस इतना ही …


