NDA में क्यों गए नीतीश कुमार? प्रशांत किशोर ने किया ये बड़ा दावा
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति पर हमेशा बयान देते रहते हैं. वहीं, सीएम नीतीश की एनडीए में वापसी पर रविवार को उन्होंने बड़ा बयान दिया.
जन सुराज अभियान के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने रविवार को एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणापत्र में बिहार के मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. एनडीए में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की वापसी पर प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को साइकोलॉजिकल लड़ाई को जीतने के लिए लाई है. नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) बना रहे थे. ‘इंडिया’ के अगुवा थे. विपक्ष के प्रधानमंत्री के चेहरा बन रहे थे तो उसी को तोड़कर ला दिए, जिससे विपक्ष को एक साइकोलॉजिकल झटका लगे.
‘इससे बीजेपी को नुकसान होगा’
एनडीए में सीएम नीतीश की वापसी से क्या बीजेपी को फायदा होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा. नीतीश कुमार का अपना कोई वोट बैंक नहीं बचा है. इसके साथ ही बीजेपी अब ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकती है. बीजेपी को पता था कि वो यहां जीत रहे हैं. इससे चुनावी कोई लाभ नहीं है.
जेडीयू को पांच सीट भी नहीं आने वाली थी- प्रशांत किशोर
वहीं, जेडीयू के भविष्य पर चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि अब जेडीयू का कोई भविष्य नहीं है. पहले भी खत्म था, आज भी खत्म है. पिछले कई महीनों से कह रहा था है था कि नीतीश कुमार महागठबंधन से चुनाव लड़ेंगे तो जेडीयू को पांच सीट भी नहीं आने वाली थी. इस बात को उनके पार्टी के नेता भी समझ रहे थे. इस वजह से वह एनडीए में शामिल हो गए. एक ही शर्त पर वो महागठबंधन में रह सकते थे कि कोई बिहार का व्यक्ति विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बना है. इससे कुछ सीट उनकी पार्टी को मिल सकती थी, लेकिन ये नहीं हुआ.
इससे पहले नीतीश कुमार पाला बदल एनडीए में आ गए. उनको लगा कि अगर महागठबंधन में रहकर चुनाव लड़ते हैं तो पांच सीट भी नहीं आएगी तो पार्टी टूट जाएगी. सीएम पद से भी इस्तीफा देना पड़ेगा.