गरीब को थाली से गायब होती जा रही है सब्जियां : नीलम चौधरी

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गरीब को थाली से गायब होती जा रही है सब्जियां : नीलम चौधरी

* सस्ता प्याज तक नहीं हो रहा नसीब

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : पुरानी कहावत है दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ ,लेकिन मोदी जी के राज में गरीबों को यह भी नसीब नहीं हो रहा | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती है जब सब्जी तथा दाल नहीं उपलब्ध होती थी तो लोग प्याज से ही रोटी खा लिया करते लेकिन आज आलम यह है कि प्याज की कीमतें भी आसमान छू रही हैं | नीलम चौधरी कहती हैं कि राजधानी में सब्जियों के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर नियंत्रण करने में केजरीवाल की दिल्ली सरकार चौतरफा विफल रही है।

नेतृत्वहीन दिल्ली सरकार की निष्क्रियता के कारण दिल्लीवासी को रोजमर्रा की रसाई में जरुरत प्याज 70 रुपये तक जनता की पहुॅच से बाहर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अप्रत्याशित महंगाई पर कभी बात न करने वाली भाजपा और आप पार्टी की जनता के प्रति दोहरी नीति के कारण पिछले 10 वर्षों में रसोई का बजट चौगुना पहुॅच गया है।

नीलम चौधरी ने कहा कि अपनी उलझनों में उलझी आम आदमी पार्टी ने कभी जनता की परेशानियों को समझा ही नही। दिल्ली में प्याज 70 रुपये, टमाटर 65 रुपये, लहसन 240 रुपये, अदरक 200 रुपये, गोभी 12 0 रुपये के अलावा कोई भी हरी सब्जी 60-70 रुपये से कम नही है, जबकि हर काम आने वाला आलू भी लोकसभा चुनाव से अभी तक 40 रुपये से कम नही हुआ है, जो कांग्रेस के समय कभी 15 रुपये अधिक नही पहुॅचा। दिल्ली की जनता मानसून की मार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी और भाजपा की आपसी लड़ाई का खामियाजा भुगत रही है।

नीलम चौधरी ने कहा कि भाजपा नेता केन्द्र सरकार की एजेंसी नेफेड द्वारा प्याज 35 रुपये प्रति किलो देने का दावा कर रही है परंतु नेफेड की गाड़ियों को गरीब बस्तियों और जरुरतमंद लोगों तक पहुॅचाने की व्यवस्था नही करती? भाजपा जवाब दें कि दिल्ली की जनसंख्या के अनुपात में राजधानी में नेफेड कितनी वेनों में प्रतिदिन प्याज जनता को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता को तिगुनें दामों में प्याज मिलने में भाजपा भी बराबर की जिम्मेदार है। जब आजादपुर मंडी में 35-45 रुपये किलो प्याज पहुंच रहा है, तो जनता तक पहुंचने में दुगने दाम में कैसे मिल रहा है। दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग की सब्जी विक्रेताओं से कोई सांठगांठ है, जो निरंकुशता के साथ सब्जियों के दामों में वृद्धि हो रही है।

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