डॉ.हर्षवर्धन को कम आंकना साबित होगी भाजपा की भारी भूल
* दिल्ली भर के कार्यकर्ताओं में निराशा
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,क्या केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री यमुनापार की शान समझे जाने वाले जमीनी तथा कद्दावर भाजपा नेता डॉ.हर्षवर्धन भी लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी स्टाइल में केवल आशीर्वाद देने वालों की जमात में शामिल होने वाले हैं | लग तो ऐसा ही रहा है, पहले उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटाया गया ,फिर लोकसभा की टिकिट काटी गई और अब तो हद ही हो गई उनकी कर्मभूमि कृष्णा नगर से भी उनकी छुट्टी कर दी गई | ये केवल हमारी सोच नहीं है अपितु राजधानी दिल्ली की सियासत में आम चर्चा बन चुकी है |
अब ये कहना और सुनना भी बेमानी होगा कि डॉ.साहब तो विधानसभा चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे | आपको याद दिला दें लोकसभा में टिकिट कटने के बाद से भले ही डॉ.हर्षवर्धन नें यह कह दिया था अब वे अपने क्लीनिक पर ही बैठेंगे लेकिन उन्होंने ना केवल पार्टी की गतिविधियों में भाग लेना जारी रखा था बल्कि कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र के तहत पार्टी का सदस्यता अभियान रहा हो या कोई अन्य अभियान में बद चढ़ कर भाग लिया | इतना ही नहीं उन्होंने अपने घर का सौन्दर्यकर्ण भी करा बाकायदा अपना सिस्टम चुनावी लिहाज से शुरू भी कर दिया था | कल के अपने लेख में हमने आप सभी से पूछा था क्यों बनाई गई और किसके लिए बनाई गई थी कम वोट से हारने वालों को फिर से मौका देने की नीति, यदि आपको मालुम हो तो हमें बताना | यकीन करना हमें सैकड़ों की तादाद में ना केवल मैसेज मिले बल्कि फोन भी आये और ज्यादातर नें डॉ.हर्षवर्धन के नाम का जिक्र किया | अब आप समझ गए होंगे जनता के बीच कितनी गहरी पैंठ हैं डॉ.साहब की | और हो भी क्यों ना आखिर कृष्णा नगर की जनता नें लगातर पांच चुनाव जितायें है उन्हें | और डॉ.साहब के बाद भाजपा हुए दोनों विधानसभा चुनावों में यहाँ से हार गई |
हमें तो इस चुनाव में भी यहाँ से भाजपा की ज्यादा सम्भावना नहीं दिख रही | कृष्णा नगर को भाजपा का गढ़ कहा जाता है लेकिन इसे गढ़ बनाया किसनें सब जानते हैं डॉ.हर्षवर्धन नें | किरन बेदी जैसी स्टार को यहाँ के कार्यकर्ताओं और जनता नें बैरंग लोटा दिया तो पिछले चुनाव में डॉ.अनिल गोयल को हरा दिया | भले ही नीति बता डॉ.हर्षवर्धन को घर बिठा दिया गया लेकिन ना केवल कार्यकर्ता अपितु क्षेत्र की जनता अभी भी उनके साथ है | ऊंट किस करवट बैठता है यह तो समय ही बतायेगा लेकिन इतना हम बताना चाहते हैं पार्टी को ना केवल कृष्णा नगर अपितु आस-पास की और कई सीटों पर इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | जहां इसी प्रकरण के चलते कई कमजोर प्रत्याशियों को मौका मिल गया वहीं कई सम्भावित मजबूत दावेदारों का पत्ता भी कट गया | आज बस इतना ही …