PDP Chief On Sambhal Violence: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार (01, दिसंबर, 2024) को कहा कि देश में हालात ठीक नहीं हैं. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब युवाओं ने नौकरी और अस्पताल की मांग की, तो उन्हें वह नहीं मिला और अगर सरकार युवाओं को ये सब नहीं दे सकती तो वह मस्जिदों में मंदिर तलाशने लगती हैं. सरकार युवाओं को अच्छी तालीम नहीं दे पा रही है. हमारी गलियां, हमारी सड़कें केंद्र सरकार ठीक नहीं कर पा रही. मुफ्ती ने संभल हिंसा को लेकर भी कहा कि वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारे नेता महात्मा गांधी, बीआर अंबेडकर, मौलाना आजाद और अन्य लोगों ने इस देश को हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी का घर बनाया है. हालांकि, देश में हालात अब अलग हैं. इतना ही नहीं पीडीपी प्रमुख ने बांग्लादेश की स्थिति को लेकर कहा कि वहां हालात ठीक नहीं हैं. वहां हमारे हिंदू भाइयों पर अत्याचार हो रहे हैं. भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं है. यहां भी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. अगर हम मस्जिदों में मंदिर तलाशते रहेंगे तो क्या फर्क रह जाएगा?”
‘उमर खालिद 4 साल से जेल में’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “आज देश में जो हालत हो रहे हैं उसमें लोगों को एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है और मुझे इसका डर है कि जो 1947 में हालात हुए थे, यह हमें वही लेकर जा रहा है. संभल में जो हादसा हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उसमें उन लोगों का कोई लेना-देना नहीं था. इस पर कोई कुछ कहेगा तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा, जैसे उमर खालिद 4 साल से जेल में है. आजकल कोई सुनवाई नहीं होती है.”
VIDEO | “… The situation in the country is not good. Our leaders Mahatma Gandhi ji, BR Ambedkar, Maulana Azad, and others have made this country a home of everyone -Hindu, Muslim, Sikh, and Isai. However, the situation in the country is different. When the youth demanded jobs… pic.twitter.com/yBCGlFJ25I
— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2024
ईवीएम को लेकर साधा निशाना
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 800 साल पुरानी अजमेर शरीफ दरगाह में हिंदू, मुस्लिम और सिख सभी जाते हैं, जो हमारी गंगा जमुनी तहजीब की निशानी है. वहीं महबूबा मुफ्ती ने चुनाव को लेकर कहा कि इलेक्शन में वोटिंग परसेंटेज पहले कुछ और होता है और गिनती करने के वक्त कुछ और ही नतीजा निकल के आता है. कहीं ना कहीं उसमें भी गड़बड़ है. केंद्र ने एक स्टेट में विपक्ष को जीतने दिया क्योंकि कोई सवाल ना उठा सके. इसमें भी शक है और चुनाव आयोग इसका कोई जवाब नहीं देता है.