राजधानी की सियासत में कुछ बड़ा होने की सम्भावना
* नये साल में कुछ हो सकता है नया
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली , हैडलाइन पढकर चौंक गए ना आप ,आखिर क्या बड़ा होने वाला है दिल्ली की सियासत में | यह तो आप जानते ही हैं पिछले एक दशक से दिल्ली की सियासत में जो भी बड़ा होता है उसके पीछे सरजी का साया होता है, यानी अरविन्द केजरीवाल का | लिहाजा इस बार भी सुईं उनकी तरफ ही घूमती दिख रही है | वैसे तो अरविन्द नें बड़ा करने का पासा फेंक भाजपा की जमीन ही खिसका दी है | भाजपा को उम्मीद थी आखिर दो साल की साम – दाम दंड- भेद नीति से इस बार 26 साल का वनवास खत्म हो ही जाएगा | भाजपा नें इसके लिए गली-गली गावं-गावं पहुंच मेहनत भी खूब की ,झुगियों तक में अपने छोटे से ले तमाम बड़े नेताओं की लौट लगवा दी | बूथ लेवल से आगे निकल पन्ना प्रमुख और हर पन्ने में पांच-पांच घर तक पहुंच चुकी भाजपा के सारे पन्ने एक झटके में ही उड़ा दिए अरविन्द नीति नें |
अब तो आप समझ ही गए होंगे आखिर क्या कर डाला अरविन्द नें ,उन्होंने वह सब कुछ कर डाला कि जो योजनायें अस्तित्व में ही नहीं थी उन्हें ना केवल धरातल पर उतार दिया बल्कि दिल्ली भर की गली मौहल्लों में लाइनें लगवाकर लाखों लोगो के डाटा ईक्क्ठे कर लिए और वोट संग्रह का जुगाड़ भिड़ा लिया , जो विधानसभा चुनाव में काम आएगा | अपना शॉट खेल लोगो को तो बिजी कर दिया और लग गए संदीप दीक्षित तथा प्रवेश वर्मा के पीछे ताकि लोगो का ध्यान उधर बंट जाए और उनकी योजना चलती रहे | लेकिन सामने वाले भी कोई कोई कम खिलाड़ी नहीं है |
संदीप दीक्षित नें उपराज्यपाल से शिकायत कर दी उनके आवास के पास पंजाब पुलिस अधिकारियों को खुफिया तरीके से तैनाती की जा रही है, तथा टीम अरविन्द महिला सम्मान की आड़ में दिल्ली भर में व्यक्तिगत जानकारी के फर्जी संग्रह कर रही है | उपराज्यपाल नें ठीक उसी तरह मामले की गम्भीरता को
समझते हुए जांच के आदेश दे दिए जैसे आबकारी घोटाले मामले में अनिल चौधरी की शिकायत पर दिए थे उस मामले में क्या हुआ पूरे देश नें देखा था | इस मामले की गम्भीरता भी कोई कम नहीं है | बिना किसी योजना के आप लाखों लोगो के डाटा जमा कर लोगो को गुमराह कर फिर से सत्ता का रास्ता तलाश रहे हो | अब तो आप समझ ही गए होंगे भाजपा इतनी आसानी से तो अरविन्द को वाक् ओवर देने से रही | वैसे भी अरविन्द भविष्वाणी करनें में माहिर हैं जो
उन्होंने कर रखी है आतिशी को किसी भी मामले में जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है | आपको एक बात और याद दिला दें दिल्ली विधानसभा का यह ढांचा 2023 तक ही है इसका भी मसला पेंडिंग हैं ,और यह भी कटुसत्य है भाजपा नें अभी अपने प्रत्याशी भी घोषित नहीं किये है | यानी कुछ भी बड़ा सम्भव है
केजरीवाल यदि डाल डाल हैं तो भाजपा भी पात-पात है | आज बस इतना ही