झूठा साबित हो रहा है बिजली हाफ पानी माफ़ का वादा  : रोमेश गुप्ता

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झूठा साबित हो रहा है बिजली हाफ पानी माफ़ का वादा  : रोमेश गुप्ता

          * देने पड़ रहे हैं लोगो को बिजली के दोगुए दाम

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : भारतीय जनता पार्टी शाहदरा जिला के महामंत्री पूर्व निगम पार्षद रोमेश चन्द्र गुप्ता का कहना है अरविंद केजरीवाल सरकार  का ‘बिजली हाफ-पानी माफ’ का वादा झूठा साबित हो रहा है । जहां बिजली के दुगने दाम देने पड़ रहे वहीं बिल देने के बावजूद पानी गंदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मुफ्त बिजली देने पर आम लोगों को गुमराह किया जा रहा है क्योंकि 200 यूनिट की सब्सिडी गिने चुने लोगो को ही  मिल रही है।

रोमेश गुप्ता कहते हैं   6 वर्ष में उपभोक्तओं को 200 यूनिट के अंतर्गत 11743 करोड़ सब्सिडी की छूट दी गई और बिलों पर पीपीएसी, पेन्शन, फिक्स चार्ज, सरचार्ज, बिजली रेगुलेटरी चार्ज आदि के रुप में सरकार ने 37227 करोड की लूट की है। केजरीवाल ने दिल्लीवालों से बिजली बिलों को हाफ करने का वादा किया था परंतु जो बिल हाफ होने थे वो दुगने हो गए है। सरकार पिछले 10 वर्षों से बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है और जुलाई, 2022 में 6 प्रतिशत, जून 2023 में 10 प्रतिशत और अब 2024 में बिजली बिल पर पीपीएसी सरचार्ज में 9 प्रतिशत की वृद्धि करके दिल्ली की जनता की कमर तोड़ दी है। उन्हांने कहा कि जहां 2015 में बिजली बिल पर पीपीएसी शुल्क 1.7 प्रतिशत था, वह 8.7 प्रतिशत के बाद 46 प्रतिशत पीपीएसी हो गया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली की दरों में वृद्धि न करके हर वर्ष पिछले दरवाजे से पीपीएसी में बढ़ोत्तरी कर रही है। रोमेश चन्द्र गुप्ता नें कहा  कि बंद पड़े मकानो, व्यापारिक संस्थानो के भी बिजली के बिल सरजार्च लगाकर भेजे जा रहे है, जो उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी है।

उन्होंने कहा कि खपत के कहीं ज्यादा बिजली के बिल लोगों को मिल रहे है केजरीवाल सरकार उपभोक्ताओं से औसतन प्रति यूनिट 10 रुपये वसूल रही है, जो मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदारों, लघु उघोग, औद्योगिक इकाईयों और व्यवसायिक संस्थानों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कि राजधानी में रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्र में बिजली सबसे महंगी है।

रोमेश गुप्ता नें  कहा कि दिल्ली सरकार बिजली कम्पनियों द्वारा पीक टाईम के लिए खरीदी गई बिजली की भरपाई के लिए बिजली कम्पनियों को हर वर्ष पीपीएसी की आड़ में 6-10 प्रतिशत तक वृद्धि करके प्रतिवर्ष बिजली दरों में वृद्धि करके बिजली उपभोक्ताओं पर अनाधिकृत बोझ डालने का लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष पीपीएसी में मनगढ़ंत बढ़ोत्तरी की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि सरकार का यह सारा खेल बिजली कम्पनियां को फायदा पहुॅचाने के लिए खेला जा रहा है।

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