बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के घर पहुंचे राम मंदिर के मुख्य पुजारी, दी ईद की मुबारकबाद

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बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के घर पहुंचे राम मंदिर के मुख्य पुजारी, दी ईद की मुबारकबाद

बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने राम जन्म भूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को फल खिलाए और स्वागत में फूलों की माला पहनाई.

राम नगरी अयोध्या ने एक बार फिर सौहार्द की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे हर किसी को देखना और समझना चाहिए. नमाज लाउडस्पीकर और मंदिर मस्जिद के बीच अयोध्या से जो तस्वीर निकल कर आई है वह दिल को सुकून देने वाली है. एक ऐसी तस्वीर है जिसे हर भारतवासी अपने दिलों में और घरों में सजाना चाहेगा.

अयोध्या में मंगलवार को दो तस्वीरें एक साथ दिखाई दी एक तरफ बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों और ईदगाह में ईद की नमाज अदा कर रहे थे. वहीं दूसरी तरफ अक्षय तृतीया जैसे महत्वपूर्ण दिन पर लाखों श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन पूजन कर रहे थे. इसी के बीच श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के घर पहुंच गए उन्होंने इकबाल अंसारी को ईद की बधाई दी तो बदले में इकबाल अंसारी ने सत्येंद्र दास को भी नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं.

इकबाल अंसारी ने राम जन्म भूमि के पुजारी को फल खिलाए और स्वागत में फूलों की माला पहनाई. आचार्य सत्येंद्र दास और इकबाल अंसारी की गले मिलते खूबसूरत तस्वीर अयोध्या ही नहीं पूरी दुनिया को एक सबक सिखाती है और यह बताने के लिए भी काफी है कि अमन और चैन का रास्ता कितना सुखद होता है.

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जिस दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई है उसी दिन से अयोध्या में राम राज्य की शुरुआत हुई है राम राज्य क्या है इसको सभी को समझना चाहिए. सब नर करें परस्पर प्रीति यह है राम राज्य, जब सभी व्यवस्था खत्म हो जाएं हिंदू मुस्लिम यह किसी भी संप्रदाय के बीच कोई विवाद ना हो अपनी-अपने धर्म पर चले और हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब अपने-अपने ढंग से चले यही संदेश राम राज्य का है. इसीलिए इसकी शुरुआत हो गई है और रहा सवाल हमारे और इकबाल के बीच का तो ईद की मुबारकबाद देने हम उनके यहां आए हैं और इन्हीं के माध्यम से सारे मुस्लिम संप्रदाय को ईद की मुबारकबाद देता हूं. सभी लोग मिलजुल कर रहे हैं और हमारे बीच अगर कोई विषमता है तो उसे समाप्त करें और रामराज्य की कल्पना करें.

इकबाल अंसारी ने कहा कि देखिए यह अयोध्या नगरी है यह हमारी खानदानी परंपरा है जब हमारे पिताजी थे सभी साधु संतों के त्योहारों में जाया करते थे. हमारे पिताजी रहे नहीं लेकिन पुजारी जी का वही सम्मान करते हैं जो हमारे पिताजी इनका करते रहे यह तो अयोध्या की गंगा जमुना तहजीब है हम तो साफ कहते हैं कि जहां साधु है वहां शांति है यहां की तहजीब तो देश-विदेश में जाती है. यहां तो हिंदू और मुसलमान एक साथ खड़ा हुआ है एक दूसरे को खड़े होकर आशीर्वाद दे रहे हैं. नवरात्रि का पर्व चल रहा है लोग खुशियां मना रहे हैं. मुसलमान ईद मना रहे हैं यहां की सभ्यता को लोग देखे गंगा जमुनी तहजीब को लोग देखें ऐसा लोग काम करें जिससे पूरे देश अच्छा रहे.

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