अडानी को एक लाख करोड़ का कोयला मुफ्त में दे दिया’, संजय सिंह ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
आप नेता और सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में दो खदान पारसा और कांता राजस्थान सरकार को आवंटित की गई थी इन्हें अडानी को दे दिया गया था इसमें राजस्थान सरकार को 26% हिस्सेदारी दी गई थी जो खदान राजस्थान सरकार को आवंटित थी उसे निकला हुआ कोयला राजस्थान सरकार को गया अडानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए खेल किया गया.
आम आदमी पार्टी के राजस्थान सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने गौतम अडानी पर घोटाले का आरोप लगाया और कहा किया घोटाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संरक्षण में हुआ है.उन्होंने कहा,”प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉल ब्लॉक किए गए थे. लाखों करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था,तब सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सारी कोयला खदानों का आवंटन खारिज कर दिया था.सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि कोयला खदानों का आवंटन नियमों के विपरीत हुआ है और प्राइवेट प्लेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है.”
नेता ने कहा,”सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोयला खदान के आवंटन रद्द हो जाते हैं और इसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आती है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में कहा था कि कोयला घोटाला करके कांग्रेस ने पूरे देश के चेहरे पर कालिख पोत दी थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 2015 में कोयला खदानों के आवंटन को लेकर संसद में एक एक्ट बनाया.वही,सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार को बिजली के उत्पादन के लिए जो कोयला खदानें दी जाएंगी, किसी प्राइवेट कंपनी को नहीं दी जा सकती हैं.”
‘अडानी की खदानों का आवंटन रद्द क्यों किया गया?’
उन्होंने कहा,”मोदी सरकार द्वारा जो एक्ट बनाया गया, उसमें कहा गया कि राज्य सरकारों को बिजली उत्पादन के लिए जो कोयला खदान आवंटित की जाएगी,उसमें 26% शेयर प्राइवेट कंपनियों का हो सकता है.यह कानून सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत पारित किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने जिन कोयला खदानों के आवंटन को रद्द किया था उसमें 42 और 44 नंबर पर कोयला खदान है. लेकिन इन दो खदानों का आवंटन रद्द नहीं हुआ, क्योंकि या खदान अडानी को मिले थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दो कोयला खदान के आवंटन क्यों रद्द नहीं किया गया?”
नेता ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में दो खदान पारसा और कांता राजस्थान सरकार को आवंटित की गई थी, इन्हें अडानी को दे दिया गया.इसमें राजस्थान सरकार को 26% हिस्सेदारी दी गई.जो खदान राजस्थान सरकार को आवंटित थी,उसी से निकला हुआ कोयला राजस्थान सरकार को भेजा गया. अडानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए खेल किया गया।
अदानी को एक लाख करोड का koyla मुफ्त में दे दिया
संजय सिंह ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि 74% शेयर अडानी के हैं और 26% शेयर राजस्थान सरकार के हैं.यहां भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन किया गया है.इस समझौते के तहत अडानी को एक लाख करोड़ रुपए का कोयला भारत की सरकार ने मुफ्त में दे दिया.कोल इंडिया द्वारा राजस्थान सरकार को कोयला 2000 प्रति टन दिया गया जबकि अडानी की खदानों ने यही कोयला 2300रूपये प्रति टन बेचा है.’
अडानी को मुफ्त में दिया 25% कोयला
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के तहत 2200 कैलोरी कोयला पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन राजस्थान सरकार ने अडानी से अपने ठेके में कहा कि 4000 कैलोरी से नीचे की कोयला पावर प्लांट में इस्तेमाल नहीं किए जा सकता. इस तरह से अडानी को रिजेक्ट के नाम पर 25 प्रतिशत कोयला बेचने और अपने पावर प्लांट इस्तमाल करने की छूट दे दी गई. जिस कोयले को राजस्थान सरकार ने रिजेक्ट कर दिया,उसे अडानी ने अपने पावर प्लांट में इस्तमाल किया.इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी मात्रा में अडानी को मुक्त में कोयला दे दिया,जबकि भारत सरकार के नियमों के अनुसार प्राइवेट कंपनी खदान से कोयले का एक टुकड़ा तक नहीं ले जा सकती है।