एल्डरमैन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया संदीप कपूर नें

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एल्डरमैन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया संदीप कपूर नें

* जान पूछ कर पंगा लिया था आप पार्टी नें
– शिवा कौशिक –

नई दिल्ली , सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में 10 ‘एल्डरमैन’ यानी मनोनीत निगम पार्षद को नामित करने के दिल्ली के उपराज्यपाल एलजी के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि एलजी को एमसीडी में निगम पार्षद मनोनीत करने का अधिकार है और इसके लिए दिल्ली सरकार की सहमति जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल एमसीडी में 10 मनोनीत निगम पार्षद बिना सरकार की सलाह के नियुक्त कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले पर बात करते हुए कृष्णा नगर वार्ड के निगम पार्षद संदीप कपूर ने कहा की सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बिलकुल सही है और मैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करता हूं । एल्डरमैन मतलब के मनोनित निगम पार्षद की दिल्ली नगर निगम में भूमिका को बताते हुए व सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कार्यदक्षता से समझाते हुए संदीप कपूर ने बताया की दिल्ली नगर निगम में 250 निगम पार्षद तो निर्वाचित है और एमसीडी के एक्ट में दस एल्डरमैन का प्रावधान है की दस ऐसे लोग जो समाज की सेवा करते है, जिनको नगर निगम के कार्यों का अनुभव है, जिनकी नियुक्ति से एमसीडी बेहतर तरह से कार्य कर सकती है, जिनकी नियुक्ति से एमसीडी को नए विचार मिल सकते है और जिनकी उम्र 25 वर्ष से अधिक हो एलजी ऐसे दस लोगों को एल्डरमैन के रूप में नियुक्त कर सकता है। संदीप कपूर ने आगे बताया की इन दस मनोनित निगम पार्षदों का कोई क्षेत्र नहीं होता है लेकिन यह दस एल्डरमैन हाउस की मीटिंग में व जोन की मीटिंग में भाग ले सकते है और जब जोन की कमेटी के लिए वोटिंग होती है तो उसमें यह दस एल्डरमैन वोटिंग भी कर सकते है जैसे चेयरमैन के चुनावों में व स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों में।

संदीप कपूर ने आगे बताया की सरकार चाहे तो इन दस एल्डरमैन को कार्य करने के लिए फंड भी दे सकती है तो यह दस एल्डरमैन बिलकुल निगम पार्षद की तरह काम करते है अपने सुझाव भी देते है, मीटिंग में भी भाग लेते है व वोट भी करते है बस इनका कोई विशिष्ट क्षेत्र नहीं होता, यह मनोनित होते है जनता के द्वारा चुने हुए नही होते। संदीप कपूर ने आगे कहा की सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद जिन कमेटी का गठन रुका हुआ था वह हो जायेगा हालांकि कोर्ट से इस पर किसी तरह की कोई रोक नहीं थी लेकिन आम आदमी पार्टी ने यह बहाना बनाया हुआ था की जब कोर्ट का आदेश आएगा तभी कमेटियों का गठन होगा। संदीप कपूर ने आगे कहा की इसलिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत ही प्रशंसनीय है।

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