राजेश लिलोठिया की एंट्री से सीमापुरी में आप की बढ़ी मुश्किलें

0
300
राजेश लिलोठिया
राजेश लिलोठिया की एंट्री से सीमापुरी में आप की बढ़ी मुश्किलें

राजेश लिलोठिया की एंट्री से सीमापुरी में आप की बढ़ी मुश्किलें

* भाजपा प्रत्याशी आने पर पोजीशन होगी किलियर

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,राजधानी दिल्ली की पहली सीट समझे जानी वाली सीमापुरी विधानसभा से दलितों के बड़े नेता राजेश लिलोठिया को प्रत्याशी बना कांग्रेस नें यह
संदेश दे दिया है कि विधानसभा चुनाव वह मजबूती से लड़ना चाहती है | पहली सीट हमने इसलिए बोला यह सीट उत्तर प्रदेश सीमा को टच करती है | विधानसभा के पहले चुनाव में यहाँ से भाजपा मास्टर बलबीर के रूप में चुनाव जीती थी लेकिन उसके बाद तीन बार कांग्रेस से वीर सिंह धिगान के खाते में जीत चली गई |

दिल्ली की सियासत में आम आदमी पार्टी के कूदने के बाद आम आदमी पार्टी ही यहाँ से तीनों बार जीतने में कामयाब रही है | जहां तक भारतीय जनता पार्टी का सवाल है भाजपा नें इस सीट को कभी गम्भीरता से लिया ही नहीं | या तो गठ्बन्धन के तहत इस सीट की भेंट चढ़ा दी जाती है या कमजोर प्रत्याशी उतार वाक् ओवर दे दिया जाता है | अब जहां से बात शुरू हुई थी राजेश लिलोठिया पर वापस आते हैं राजेश लिलोठिया सन्गठन से जुड़े जमीनी नेता है |

कई साल तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं तो शीला दीक्षित जैसी सुलझी नेता के सान्धिय में विधानसभा में तो विधायक के नाते काम किया ही है दिल्ली कांग्रेस में उनके साथ कार्यकारी अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व को भी मजबूती से निभाया है | फिलहाल भी राजेश लिलोठिया को कांग्रेस नें अखिल भारतीय स्तर पर एस.सी.एस/टी विभाग का संयोजक बनाया हुआ है | समझ गए ना आप उन्हें सन्गठन का एक लम्बा अनुभव है जिसे देखते हुए ही पार्टी नें उन्हें सीमापुरी सीट से मैदान में उतारा है | यह आप जानते ही हैं कि पिछला चुनाव आप से जीते राजेन्द्र पाल गौतम भी कांग्रेस में है उनकी अपनी एक मजबूत टीम है वहीं कांग्रेस से आप में शामिल हुए वीर सिंह धिंगान का आप पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य कई समुदायों में विरोध बताया जा रहा है | आप पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को उनकी उम्मीदवारी रास नहीं आ रही | जहां तक भाजपा का सवाल है भाजपा शायद इस बार भी गठबंधन में यह सीट दे सकती है यदि गठबंधन को यह सीट जाती है तो डॉ.राजपाल एक बड़ा नाम प्रत्याशी के रूप में सामने आ रहा है | और यदि किन्ही वजहों से गठ्बन्धन के खाते में यह सीट नहीं गई तो पूर्व पार्षद कू.रिंकू या युवा मोर्चा शाहदरा जिला के पूर्व अध्यक्ष कमल कांत यहाँ से प्रत्याशी हो सकते हैं | अब इंतजार भाजपा के पत्ते खुलने की है कांग्रेस और आप प्रत्याशी तो अपनी मुहिम में जुट चुके हैं | आज बस इतना ही …

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here