बॉम्बे हाई कोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत,इस मामले में निचली अदालत में पेशी से मांगी थी छूट

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राहुल गांधी को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत, इस मामले में निचली अदालत में पेशी से मांगी थी छूट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ 2018 की कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि की एक शिकायत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत दी.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2018 में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी पर मानहानि की शिकायत को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार (2 अगस्त) को उन्हें राहत दी.

हाई कोर्ट ने स्थानीय अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने को लेकर राहुल गांधी की अंतरिम राहत की अवधि 26 सितंबर तक बढ़ा दी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में गांधी की ‘कमांडर-इन-थीफ’ (चोरों के सरदार) संबंधी टिप्पणी मानहानि के समान है.

राहुल गांधी को क्यों राहत मिली?

जस्टिस एस. वी. कोतवाल की एकल पीठ ने 2021 में स्थानीय अदालत के उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा, ‘‘पहले दी गई अंतरिम राहत तब तक जारी रहेगी.’’ शिकायतकर्ता के वकील के समय मांगे जाने के बाद राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई.

राहुल गांधी हाई कोर्ट क्यों गए?

स्थानीय अदालत ने महेश श्रीमल की ओर से दायर मानहानि की एक शिकायत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पेश होने का निर्देश दिया था. राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में 2018 में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गांधी की ‘‘कमांडर-इन-थीफ’’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज की गई थी.

इसके बाद गांधी ने अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद कोर्ट ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को मानहानि की शिकायत पर सुनवाई टालने का निर्देश दिया था, जिसका अर्थ था कि कांग्रेस नेता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी.

उसके बाद से राहुल गांधी गांधी की याचिका पर सुनवाई समय-समय पर स्थगित होती रही और उन्हें दी गई अंतरिम राहत की अवधि भी बढ़ाई जाती रही है.

मजिस्ट्रेट ने अगस्त 2019 में गांधी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की थी. हालांकि, राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें इसके बारे में जुलाई 2021 में पता चला.

शिकायत में क्या कहा गया है?

शिकायत में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने सितंबर 2018 में राजस्थान में रैली करते हुए पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. शिकायत के मुताबिक, इसके बाद इसे राहुल गांधी के ट्विटर पर ‘कमांडर इन थीफ’ नाम से पोस्ट साझा भी की थी.

राहुल गांधी ने क्या जवाब में कहा

राहुल गांधी ने वकील कुशल मोर के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा कि ये शिकायत करने वाले के गुप्त राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य से प्रेरित है. उन्होंने कहा था कि शिकायत करने वाले को कोई अधिकार नहीं है कि क्योंकि मानहानि की बात वो ही कह सकता है जिसे कि कथित तौर पर बदनाम किया गया है.

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