अपनी नाकामियों को दूसरे के पाले में डालना आम आदमी पार्टी की पुरानी आदत : नीलम चौधरी

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नीलम चौधरी
अपनी नाकामियों को दूसरे के पाले में डालना आम आदमी पार्टी की पुरानी आदत : नीलम चौधरी

अपनी नाकामियों को दूसरे के पाले में डालना आम आदमी पार्टी की पुरानी आदत : नीलम चौधरी

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : अच्छा हुआ तो हमने किया और कोई कमी रह गई तो दूसरे ने नहीं होने दिया आम आदमी की यह पुरानी आदत है | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती है पूरे देश नें देखा मानसून में दिल्ली की क्या दुर्गति हुई ,कितने बेकसूर लोग काल के ग्रास बने | ना नालों की सफाई हुई और ना ही ड्रेनेज सिस्टम सुधारा गया | एक भी महकमा ऐसा नहीं है जो सुचारू रूप से काम कर पा रहा हो | बावजूद इसके सीना ठोक कर कहते हैं दिल्ली में सभी सिस्टम वर्ल्ड लेवल के हैं | जबकि सच्चाई यह है यह सरकार हर मामले में फेल ही साबित हुई है |

नीलम चौधरी कहती है प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण सितम्बर में नवंबर-दिसम्बर जैसे हालात हो गए है और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय राजधानी में अपनी नाकामियों और जिम्मेदारियो को स्वीकारने की जगह राजधानी के प्रदूषण के लिए एनसीआर क्षेत्रों को जिम्मेदार ठहरा रहे है। पिछले एक महीने में आज तीसरी बार विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करके गोपाल राय ‘‘मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़े’’ अपने प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम से स्वयं भी आश्वस्त दिखाई नही दिए। क्योंकि 9 अगस्त को 14 सूत्री तथा 9 सितम्बर को 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की घोषणा पहले ही कर चुके है।

नीलम चौधरी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आप सरकार प्रदूषण सहित दिल्ली में जनता से जुड़े किसी विषय का हल निकालने में नाकाम साबित हुई। उन्होंने कहा किसी भी समस्या को दूसरों पर डालना और हर चीज पर दूसरों को दोषी ठहराना इनकी आदत बन चुकी है | गोपाल राय प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार की भूमिका पर बात न करके केन्द्र सरकार, नजदीक राज्यों की प्रदूषण में भागीदारी बात करते है परंतु पंजाब में जलाई जा रही पराली पर चुप क्यों है | उन्होंने कहा कि जब गोपाल राय प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले 742.69 करोड़ में से सिर्फ 29 प्रतिशत ही खर्च कर पाए, फिर इस वर्ष आगामी महीनों कैसे प्रदूषण नियंत्रण करने का दावा कर रहे है, इसका जवाब दें |

नीलम चौधरी ने कहा कि पर्यावरण मंत्री 2016 के अनुपात में 2023 में प्रदूषित दिनों में कमी बताकर लोगों के साथ-साथ अपने आप को भी धोखा दे रहे हैं, क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण की सच्चाई सबके सामने आनी शुरु हो गई है, जबकि 3 दिन पहले तक मानसून की बारिश थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को वाहनों, धूल कण, आप पार्टी शासित पंजाब में पराली जलाने, निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। प्रदूषण से जुड़ी एक स्टडी के अनुसार वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के बच्चों की आयु सीमा 12 साल कम हो गई है, जो अति संवेदनशील है।

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