एमसीडी सदन स्थगित, पार्षदों ने दिखाई तख्तियां, मेयर की सीट पर पहुंचे

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एमसीडी सदन स्थगित, पार्षदों ने दिखाई तख्तियां, मेयर की सीट पर पहुंचे

हंगामे के बाद एमसीडी सदन स्थगित, आज भी नही चुना गया मेयर - हिन्दुस्थान  समाचार

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की कार्यवाही बुधवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई. कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.

एमसीडी सदन की कार्यवाही को बुधवार (29 नवंबर) को स्थगित कर दिया गया. बैठक शुरू होने के बाद पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. बीजेपी पार्षद हाथों में तख्तियां लेकर स्थायी समिति या वार्ड समिति बनाने की मांग की. कांग्रेस के पार्षदों ने भी हंगामा किया. बुधवार को जब कार्यवाही शुरू हुई तो मेयर शैली ने पक्ष विपक्ष के पार्षदों से निवेदन किया की सदन की कार्यवाही चलने दें क्योंकि दिल्ली की जनता ने जिन कामों के लिए चुनकर सदन में भेजा है उनमें अवरोध न हों. लेकिन एमसीडी सदन की बैठक शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस के पार्षदों ने भी स्थाई समिति और वार्ड कमिटी के गठन की मांग की.

नेता सदन मुकेश गोयल ने कांग्रेस और बीजेपी के मिले होने का आरोप लगाया. नेता विपक्ष बीजेपी राजा इकबाल ने कहा कहा कि शॉर्ट नोटिस ट्रांसफर पोस्टिंग के ऊपर है. जनता की समस्याओं पर नहीं सिर्फ दलाली और भ्रष्टाचार करना है. 10000 करोड़ का सफाई का टेंडर आप दिल्ली सरकार को दे रहे हैं. लोगों को हाउस टैक्स से मुक्त करने का वादा किया था लेकिन 20 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ा दिया, झूठे वादे करते हैं.

हंगामा इतना बढ़ गया कि पार्षद मेयर की सीट पर जा पहुंचे. हालांकि, उस वक्त मेयर अपनी सीट पर मौजूद नहीं थीं. हंगामे के बाद कांग्रेस काउंसलर्स मेयर दफ्तर के बाहर बैठ गए.

बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों ने बुधवार को स्थायी समिति का गठन नहीं होने और हाउस टैक्स में वृद्धि को लेकर एमसीडी सदन की बैठक में अपने विरोध प्रदर्शन को बाधित किया. विपक्षी पार्षदों की नारेबाजी के बीच सदन की बैठक दोपहर 2.19 बजे शुरू हुई. कांग्रेस पार्षदों ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ नारे लगाए और स्थायी समिति का गठन करने और हाउस टैक्स वापस लेने जैसी मांगों वाली तख्तियां ले रखी थीं. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने दिल्ली में कुत्तों के आतंक का मुद्दा उठाया और कुत्तों के काटने से संबंधित आंकड़े जारी करने की मांग की.

कुत्तों के काटने के और आवारा पशुओं के घटना के मामले पर नेता सदन मुकेश गोयल ने भी कहा कि ऐसी घटनाओं को सदन में उठाना गलत नहीं है. विपक्ष के लोग भी बताएं. अधिकारी जवाबदेह होंगे. सदन को चलने दें. सार्थक बहस हो. मजबूरी में एजेंडे को पास करना पड़ता है.

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