महावीर जयंती तथा हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन डीएवी विद्यालय गांधीनगर में हुआ
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : आचार्य रेनू द्वारा मंच संचालन करते हुए सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन मंत्र के पश्चात हनुमान चालीसा द्वारा कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ ।आगंतुक अतिथियों में हर्ष मल्होत्रा भाजपा सांसद उम्मीदवार पूर्वी दिल्ली लोकसभा कमल जैन महामंत्री जैन समाज , डॉक्टर वी के मोगा पूर्व पार्षद कृष्णा नगर,पुरुषोत्तम शर्मा समाज सेवी का स्वागत शॉल के द्वारा किया गया रेनू ने महावीर जी के जीवन का परिचय देते हुए सुंदर और संक्षिप्त शब्दों में उनकी शिक्षाएं तथा उनके सिखाए मार्ग पर चलने की सीख छात्रों के समक्षरखी ।मुख्य वक्ता के रूप में श्री कमल जैन जी ने कहा उत्सवों को मनाते समय क्या हम उन महान नायकों के जीवन से कुछ सीखते हैं ?भगवान श्री राम ,श्री हनुमान जी तथा भगवान महावीर जी के जीवन के आदर्शों को हम अपने जीवन में अपनाए (जियो और जीने दो)(अहिंसा परमो धर्म) कोजानें।
हमे मोक्ष प्राप्ति के लिए मोह माया का त्याग करना होगा। आचार्य सतीश शर्मा ने समाजसेवी dr वी के मांगा और हर्ष मलोहत्रा का परिचय करवाया तथा डॉ. मोंगा ने 100 फीसदी मतदान की आवश्कता का महत्व बताया,पुरातन छात्र की और से महेंद्र अग्रवाल,महादेव ,भारत खंडेलवाल,समाज सेवी सुषमा वाही,राजेश सोढ़ी ,भावना गिरी,उर्मिल राजोरा,रोहन चौधरी,और अनेक सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर उनका स्वागत सुनील जैन ने किया कक्षा सातवीं के छात्रों ने गीत प्रस्तुत किया (कहीं पर्वत झुके भी हैं कहीं दरिया रुके भी हैं) भाजपा उम्मीदवार हर्ष मल्होत्रा ने अपने उद्बोधन में बच्चे देश का भविष्य हैं ,पर्वत समान है, बस उनके बढ़ने की दिशा सही हो, तन ,मन और मस्तिष्क की ताकत का प्रयोग युवा आगे बढ़ने के लिए और अध्यापकों के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए उन्नति की और बड़े तथा साथ ही उन्होंने सभी बुद्धिजीवी वर्ग को ही देश के भविष्य का निर्णय करना है ,इस विषय पर भी अपने विचार प्रस्तुत किये ।
डा मोगा के द्वारा भी शत प्रतिशत वोट करने के लिए छात्रों के समक्ष अपने विचार रखें तथा अपने माता-पिता से आग्रह करने के लिए कहा । पुरुषोत्तम शर्मा ने भी समाज की उन्नति और देश के भविष्य के लिए बच्चों को तथा उनके अभिभावकों को सही मतदान के लिए प्रेरित किया ।कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य मुरली से सभी आगंतुक अतिथियों का तथा प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए उनके दिए गए समय तथा विचारों को पुनः छात्रों के समक्ष रखते हुए उनका पुनः पुनः धन्यवाद किया।