हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बादल फटने व जगह-जगह भूस्खलन में दबने से 14 लोगों की मौत हो गई है। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आंशका है। प्रदेश के कांगड़ा जिले में भारी बारिश से आई बाढ़ के चलते रेलवे का चक्की पुल आज बह गया है। कांगड़ा के एडीएम रोहित राठौर ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि पुल में दरारें आने के कारण डेढ़ हफ्ता पहले रेल सेवा बंद कर दी थी। डीहार पंचायत के डोल गदयाडा गां में बैजनाथ-सरकाघाट सड़क भी बह गई है। आपको बता दें कि चंबा जिले में दंपती और उनके बेटे की मौत हो गई है। कांगड़ा के भनाला की गोरडा में एक मकान गिरने से 12 साल के बच्चे की जान चली गई। जबकि मंडी के सराज, गोहर और द्रंग में बादल फटने की घटनाओं नौ की मौत हो गई है। जबकि 15 से 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लैंडस्लाइड के चलते मंडी जिले के गोहर में प्रधान का घर चपेट में आ गया है और वहां सोए हुए कुल 8 सदस्य मलबे में दब गए हैं। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है और यहां से 8 शव निकाले जा चुके हैं। गोहर में प्रधान के परिवार के सात लोगों के शव बरामद हुए हैं। मलबे में दबने से प्रधान व उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। तीनों एनएच मंडी पठानकोट, मंडी कुल्लू और मंडी जालंधर वाया धर्मपुर बंद हो गए हैं। भारी बरसात के चलते मंडी और कुल्लू में स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। साथ ही चंबा की तीन तहसीलों डलहौजी, सिंहुता और चुवाड़ी में भी शिक्षण संस्थानों को प्रशासन एक दिन के लिए बंद कर दिया है।