Ladakh Army Accident: लद्दाख में सैन्य वाहन पर पत्थर गिरने से लेफ्टिनेंट कर्नल और जवान की मौत, तीन अधिकारी घायल
पूर्वी लद्दाख के एक दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्र में बुधवार को सेना के एक काफिले के वाहन पर अचानक एक बड़ा पत्थर गिरने से दर्दनाक हादसा हो गया। इस दुर्घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह और लांस दफादार दलजीत सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि वाहन में सवार तीन अन्य सैन्य अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
सेना अधिकारियों के अनुसार यह हादसा उस समय हुआ जब सैन्य काफिला इलाके में नियमित गश्त पर था। करीब 11:30 बजे एक तीव्र ढलान वाली चट्टान से अचानक भारी भरकम पत्थर टूटकर सीधे वाहन पर आ गिरा। दुर्घटना के बाद त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें सेना के विशेष दलों ने मौके पर पहुंचकर घायल अधिकारियों को सुरक्षित निकाला और इलाज के लिए लेह के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घायलों की पहचान मेजर मयंक शुभम, मेजर अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव के रूप में हुई है। सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है लेकिन उनमें से दो को गहरी चोटें आई हैं और वे निगरानी में हैं।
सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने एक आधिकारिक पोस्ट के माध्यम से दोनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। पोस्ट में कहा गया, “जीओसी फायर एंड फ्यूरी कोर और सभी रैंक लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह और लांस दफादार दलजीत सिंह को सलाम करते हैं, जिन्होंने 30 जुलाई 2025 को लद्दाख में कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया। हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।”
पूर्वी लद्दाख की यह क्षेत्र बेहद ऊंचाई और खतरनाक भू-भाग के लिए जाना जाता है, जहाँ भूस्खलन और अचानक पत्थर गिरने की घटनाएं आम हैं, खासकर मॉनसून और बर्फबारी के दौरान। ऐसे क्षेत्रों में सेना का संचालन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होता है, जहाँ मौसम और भूगोल दोनों ही खतरा बन जाते हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर उन चुनौतियों को उजागर कर दिया है जिनका सामना देश की सीमाओं की रक्षा करते वक्त हमारे जवानों को करना पड़ता है। सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और साथ ही क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर भी विचार किया जा रहा है।



