केजरीवाल की “संजीवनी योजना” चुनावी स्टंट के अलावा कुछ नहीं : नीलम चौधरी

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नीलम चौधरी
केजरीवाल की “संजीवनी योजना” चुनावी स्टंट के अलावा कुछ नहीं : नीलम चौधरी

केजरीवाल की “संजीवनी योजना” चुनावी स्टंट के अलावा कुछ नहीं : नीलम चौधरी

नई दिल्ली(सी.पी.एन.न्यूज़ ) : दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी हार नजदीक देख आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल झूठी योजनायें परोस दिल्ली की जनता को गुमराह कर उनके वोट हांसिल करने के जुगाड़ तलाश रहे हैं | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी नें कहा दिल्ली में चुनाव हारने का डर अरविन्द केजरीवाल को इस कदर सता रहा है कि वो हर दिन महिलाआें, वृद्धों, युवाओं व गरीबों के लिए नई चुनावी घोषणाएं करके दिल्ली वालों को गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए संजीवनी योजना पूरी तरह से वृद्ध लोगां की भावनाओं से खिलवाड़ करके उनसे वोट बटौरने की नीति है।क्योंकि लाखों वृद्धों को मिलने वाली पेंशन वर्षों से नियमित रुप से नही मिल रही, लगभग बंद पड़ी है। अभी पिछले दिनों महिलाओं को 2100 रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की थी, जिसके पंजीकरण की 2-3 दिन बीतने के बाद
भी कोई कार्यवाही नही हो रही है।

नीलम चौधरी ने कहा कि शीला दीक्षित सरकार की सामाजिक सुविधा संगम द्वारा संचालित योजनाओं को मई 2016 में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पूरी तरह बंद कर दिया था। 500 से भी अधिक सरकारी डिस्पेंसरियां और 116 जेंडर रिसोर्स सेंटरों को केजरीवाल के एक ही आदेश पर बंद करके लाखों दिल्लीवालों को मिल रही सुविधाओं को छीनकर अपने कार्यकर्ताओं के घरों में मौहल्ला क्लीनिक खोल दिए, जिसमें छोटी मोटी बीमारियों की दवाई तक नही मिलती है। उन्होंने कहा कि जो घोषणा केजरीवाल ने 60 वर्ष और अधिक उम्र के वृद्धों के लिए वोट बटोरने के लिए की है, कांग्रेस की दिल्ली सरकार भी 5 लाख तक का मुफ्त इलाज वृद्धों का कराती थी।

नीलम चौधरी नें कहा कि अस्पतालों पर दवाब कम पड़े इसलिए कांग्रेस सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में हर विधानसभा में औसतन 6-7 डिस्पेंसरियां खोली गई, जिनमें दवाई, स्वास्थ्य सुविधाओं सहित हर तरह के टेस्ट भी किए जाते थे और 116 जीआरसी द्वारा सरकार के अंतर्गत कर्मचारी सरकारी योजनाओं की जानकारी दिल्ली की जरुरतमंद जनता तक पहुॅचाते थे ताकि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। कांग्रेस सरकार ने 2013-14 में स्वास्थ्य बजट में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके बजट को 1872 करोड़ से बढ़ाकर 2490 करोड़ दिया, इसमें 7 अन्य डिस्पेंसरियां खोलने का भी प्रस्ताव था।

नीलम चौधरी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की वृद्धों के इलाज के लिए चुनावी घोषणा संजीवनी कवच पुरानी स्कीम को नया अमली जामा पहनाने जैसा है। क्योंकि वृद्धों का निशुल्क इलाज कांग्रेस सरकार के शासन में भी होता था और कांग्रेस शासन मे 38 अस्पताल और 5 सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों में इतनी दुरस्त सुविधाऐं थी कि दिल्ली के लोगों को प्राईवेट अस्पतालां की कम जरुरत पड़ती थी। आज केजरीवाल सरकारी अस्पतालों के ध्वस्त होने पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्राईवेट अस्पतालों में बिना किसी सीमा के खर्च के साथ वृद्धों के मुफ्त इलाज की घोषणा कर रहे है।

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