जेल से ही लोगो की जेब काटने का काम कर रहे हैं केजरीवाल : रामनारायण दुबे
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : अब हमारी समझ में आ रहा है आखिर अरविन्द केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाने की बात क्यों करते रहे हैं और तमाम मर्यादाएं तोड़ते हुए जेल के भीतर कई माह बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा अरविन्द केजरीवाल नें | क्योंकि वे जेल के भीतर से ही ही लोगो की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे है | यह कहना है पूर्व मेयर रामनारायण दुबे का |
श्री दुबे कहते हैं चोर दरवाजे से बिजली के दाम बढ़ा कर लोगो को गुमराह कर रहे हैं कि दिल्ली में अब भी बिजली दूसरे राज्यों से सस्ती है | श्री दुबे नें पूछा केजरीवाल जी जब आपने बिजली हाफ और पानी माफ़ का नारा दिया था तब तो आपने यह तर्क नहीं दिए थे कि हम बिजली के दाम बढ़ायेगें और कहेगें दिल्ली में बिजली दूसरे राज्यों से सस्ती है | शर्म करो केजरीवाल जेल में बंद होने के बावजूद तुम्हारी नजर अब ही भ्रस्टाचार पर है कि किस तरह से लोगो की जेब पर डाका डाला जाए |
रामनारायण दुबे कहते हैं अरविन्द केजरीवाल सरकार को गरीबों की कोई परवाह नहीं है | यह सरकार दोनों हाथों से गरीबों को लूट रही है और खुद को
गरीबों की हमदर्द कहती है | हैं जेल से सरकार चलाने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल जेल से ही लोगो की जेब काट रहे हैं | अपने हर काम को वर्ल्ड लेवल का बताने वाले केजरीवालऔर उनकी सरकार भ्रष्टाचार में तो आकंठ डूबी ही है वहीं यह सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है | बरसात से पूर्व नालों की सफाई का मसला हो या बरसात के बाद पानी की निकासी का मामला हर मामले में दिल्ली सरकार फेल ही साबित हुई है |
श्री दुबे कहते हैं केजरीवाल सरकार हर वर्ष पीपीएसी में बढ़ोत्तरी के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करके दिल्ली बिजली उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ डालकर सीधे तौर पर बिजली कम्पनियों को फायदा पहुॅचाने की पॉलिसी पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई, 2022 में 6 प्रतिशत, जून 2023 में 10 प्रतिशत और अब 2024 में बिजली बिल पर पीपीएसी सरचार्ज में 9 प्रतिशत की वृद्धि करके दिल्ली की जनता की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि सत्ता
में आने से पूर्व 2013 में बिजली दरों की बढ़ोत्तरी पर डीईआरसी पर प्रहार करने वाले केजरीवाल की सरकार द्वारा बिजली कम्पनियों के अनुसार बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करना, जनता के साथ विश्वासघात है। उन्होंने मांग की कि बिजली बिलों पर पीपीएसी की दरों में बढ़ोत्तरी तुरंत वापस ली जाए।