बेघरों के लिए केजरीवाल सरकार के पास कोई योजना नहीं : गुरमीत सिंह सूरा

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बेघरों के लिए केजरीवाल सरकार के पास कोई योजना नहीं : गुरमीत सिंह सूरा

 

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : राजधानी दिल्ली में मौसम करवट ले रहा है | सर्दी की आहट शुरू हो  चुकी है और दिल्ली में पचास हजार से अधिक बेघर लोग सडकों तथा पटरियों पर रात बिताने को विवश होते हैं | लेकिन दिल्ली सरकार के पास ऐसे बेघर लोगों के लिए मजबूत योजना नहीं है | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पश्चिमी दिल्ली के सह प्रभारी गुरमीत सिंह सूरा का |

गुरमीत सूरा का कहना है केजरीवाल सरकार की नाकामी है जो शहरी आश्रय सुधार बोर्ड आश्रितों के लिए रहने की सुविधा नही दे पाया है, जबकि करोड़ों रुपये का बजट बोर्ड को लोगों के जीवन उत्थान के लिए मिलता है। इसमें भारी भ्रष्टाचार हो रहा है इसलिए ही फंड लोगों की सुविधाओं पर खर्च नही हो रहा है।उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पास दिल्ली में बेघर गरीबों के कोई योजना नही है और लोग सड़क पर रहने के लिए मजबूर है। उन्होंने बताया कि बेघर आश्रय गृहों में रहने वाले लोगों ने टायलेट एवं अन्य सुविधाओं के संबध में गत वर्ष आश्रय  घर चलाने वाले ठेकेदार की शिकायत की थी परंतु शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अधिकारियों ने बैठक के बाद आदेश पारित करके बेघरों से उनका आशियाना ही छीन लिया था ।

गुरमीत सिंह सूरा  ने कहा कि दिल्ली सरकार शहरी आश्रय सुधार बोर्ड गरीबों और आश्रितों के लिए रहने की सुविधा और रैन बसेरों में लोगों को रहने अथवा बसाने की सुविधा प्रदान करना है परंतु दिल्ली सरकार का विभाग आश्रित गरीबों को बसैरा देने में पूरी तरह असफल रहा है | और यही व्ह्ह है हर साल सड़क या पटरियों पर सोने वाले लोगो की दुर्घटना में मौत तक हो जाती है | गुरमीत सिंह सूरा  ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली मॉडल का बखान करते जिसका वास्तविक स्वरुप पिछले साल  सीमापुरी सड़क दुर्घटना के बाद सबके सामने उजागर हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह हादसा स्ट्रीट लाइट का खंभा गिरने के कारण अंधेरे में हुआ था   उन्होंने कहा सरकार की गैर जिम्मेदारी के कारण शहरी आश्रय सुधार बोर्ड नाईट शेल्टर चलाने मेंपूरी तरह नाकाम रहा है, जिसके कारण लोग खुले में सड़क पर सोने को मजबूर है।

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