कन्हैया की एंट्री से कांग्रेस की टिकिटों का बिगड़ सकता है समीकरण

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कन्हैया की एंट्री से कांग्रेस की टिकिटों का बिगड़ सकता है समीकरण
कन्हैया की एंट्री से कांग्रेस की टिकिटों का बिगड़ सकता है समीकरण

कन्हैया की एंट्री से कांग्रेस की टिकिटों का बिगड़ सकता है समीकरण
* परिणाम भी होंगे प्रभावित * नही कर पायेगें मतो का ध्रुवीकरण

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे पार्टी नेता कन्हैया कुमार को लेकर क्या कांग्रेस राजधानी दिल्ली की सियासत में बड़ा प्रयोग करने जा रही है | यह चर्चा ना केवल कांग्रेस बल्कि दिल्ली के तीनों दलों में हॉट है | बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया कुमार के उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से चुनावी जंग में उतरने के कयास लगाये जा रहे हैं | राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें प्रत्याशी बना सकती है | ये अटकलें ऐसे वक्त पर लग रही हैं जब कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठ्बन्धन के तहत चुनाव लड़ने जा रही है बावजूद इसके ‘ऑल इज नॉट वेल’ होने की बातें भी की जा रही हैं।

समझे ना आप यानी भाजपा को कोई चुनौती मिलती दिख नहीं रही है | आलम यह है कि पार्टी अभी तक तीन सीटों के लिए तीन चेहरे भी नहीं तलाश कर पाई है जिससे ना केवल दावेदारों में बल्कि पार्टी वर्करों में भी घोर निराशा व्याप्त है | ऐसे में दिल्ली की सियासत और पार्टी वर्करों से एकदम अनजान कन्हैया की एंट्री से ना केवल दिल्ली की टिकिटों के समीकरण बदलेगें बल्कि चुनाव परिणाम भी प्रभावित होंगे और पार्टी की गलतफहमी भी दूर होगी की पूर्वांचली मतदाताओं का कन्हैया ध्रुवीकरण कर सकते हैं | उल्लेखनीय है कि कन्हैया कुमार 2019 में अपने राज्य से ही लोकसभा का चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह ने उन्हें बड़ी शिकस्त दी थी। अब सवाल उठता है जो व्यक्ति अपने राज्य में ही कोई करिश्मा नहीं दिखा सका वो दिल्ली जैसे शहर में क्या तीर चला सकता है | उनकी एंट्री मात्र से दिल्ली की तीनो सीटों के समीकरण भी बदलने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | पूर्वांचली वोट मिलेगें या
नहीं लेकिन स्थानीय वोटो से भी पार्टी का पल्ला झड़ सकता है | टिकिटों का फेरबदल भी स्थानीय नेताओं की नाराजगी से पार्टी पर भारी पड़ सकता है | यानी जो दो तीन मजबूत दावेदार उत्तर पूर्वी दिल्ली से हैं उनमें से एक को चांदनी चौक शिफ्ट करना पड़ेगा और चांदनी चौक वालो को बाय – बाय करना होगा जिसकी आंच उत्तर पश्चमी सीट तक भी पहुंचेगी | कुछ बड़े नेताओं को कहते सुना गया हमारी तो पार्टी को सीधी सलाह है कन्हैया भैया की बांसुरी बजवानी ही है तो दिल्ली के स्थान पर बिहार में ही इंतजाम करना होगा वरना हम तो डूबेगें ही आंच से बचेगी आप पार्टी भी नहीं . आज बस इतना ही ..

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