चीन सीमाओं पर अपनी उकसावे वाली गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है। कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा था कि एलएसी पर पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एयरफोर्स की ओर से उकसावे वाली कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है, लेकिन भारतीय वायुसेना चीनी लड़ाकू विमानों को वापस खदेड़ देती है। अब भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदोन्ग की ओर से इस तरह घटनाओं को मानने से इंकार करते हुए पूरी तरफ से ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अनुरूप ही गतिविधियों का संचालन करता है। मुझे किसी उकसावे वाली गतिविधी के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है। गौर करने वाली बात यह भी कि चीन एकतरफ तो सीमा पर उकसावे वाली गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशें करता है दूसरी ओर दुनिया के सामने खुद को पाकसाफ बताने से भी बाज नहीं आता। हाल ही में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित चुशुल मोल्डो इलाके में विशेष सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारत ने चीन की ओर से हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था। चीन की ओर से ताजा बयान इसी संदर्भ में आया है। बता दें कि भारत और चीन के बीच सहमति है कि दोनों मुल्कों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से 10 किलोमीटर पहले तक ही अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाएंगी। लेकिन, चीन की ओर से लगातार इस समझौते का उल्लंघन किया जाता है। वहीं भारत भी चीन की इन नापाक रणनीतियों से सतर्क है।