गृह मंत्रालय ने टेरर फंडिंग में लिप्त फरहतुल्ला गौरी को आतंकी घोषित किया

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गृह मंत्रालय ने फरहतुल्ला गौरी उर्फ एफजी को आतंकी घोषित किया है। फरहतुल्ला गौरी मूल रूप से हैदराबाद के कुरमागुडा इलाके का रहने वाला है। सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में उसका स्कैच बनाकर जारी किया है। फरहतुल्ला गौरी 1994 में भारत से सऊदी अरब भाग गया था। इसके बाद वह 2015 में पाकिस्तान पहुंचा और जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया। भारत में आतंकी गतिविधियों के धन मुहैया कराने का काम करता है। गौरी का छद्म नाम सूफियान भी है। वह करीब 30 साल से आतंकवाद से जुड़ा है। भारत में आतंकी कृत्यों को बढ़ावा देने में उसकी बड़ी भूमिका बताई जाती है। गौरी सोशल मीडिया के जरिए भारत के मुस्लिम युवाओं को गुमराह कर आतंकवाद में झोंकता है। वह पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का फाइनेंसर है। वह टेलीग्राम, यूट्यूब व फेसबुक के जरिए अपने भारत विरोधी अभियान को अंजाम देता है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गौरी अभी पाकिस्तान में है। वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा व जैश का एक प्रमुख सदस्य है। उसे यूएपीए कानून के तहत एक आतंकवादी घोषित किया गया है। 38 कट्टर आतंकवादियों की सूची में उसका नाम 18 वें स्थान पर है। जानकारी के मुताबिक, फरहतुल्ला गौरी भारत से भागकर सबसे पहले सऊदी अरब गया था। फिर वह 2015 में सऊदी अरब से पाकिस्तान चला गया। वहां पर वह जैश- ए- मोहम्मद में शामिल हो गया और पाकिस्तान की धरती से भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराता रहा। खास बात यह है कि गृह मंत्रालय द्वारा जो अधिसूचना जारी की गई है उसमें फरहतुल्ला गौरी के पाकिस्तान में छुपे होने की पुष्टी की गई है। वह भारत में कई आतंकी मामलों में शामिल मोस्ट वांटेड है। फरहतुल्लाह गौरी कई दशकों से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है, लेकिन आज तक उसकी फोटो नहीं पा सकी है। खुफिया एजेंसियों के लिए वह चुनौती बना हुआ है। हैदराबाद के सैदाबाद के कुरमागुड़ा निवासी फरहतुल्ला गोरी मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन दर्सगाह-ए-शहदत (डीजेएस) से भी जुड़ा है। उसे सरदार साहब भी कहा जाता है।

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