अगर पुलवामा घटना की जांच हुई होती तो गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता : सत्यपाल मलिक

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को दावा किया कि अगर पुलवामा में सैनिकों के शहीद होने की घटना की जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता। मलिक ने आरोप लगाया कि पुलवामा मामले में मुझे चुप रहने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा मामले की जांच नहीं हुई और अगर जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता और कई अधिकारी जेल में होते। इन लोगों ने जांच नहीं कराई।’’ सत्यपाल मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव सैनिकों की लाशों पर लड़ा गया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। मलिक ने पुलवामा आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर जांच की गई होती तो गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता।

अलवर जिले के बानसूर कस्बे के फतेहपुर गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए मलिक ने रविवार को कहा, ‘‘चुनाव   हमारे सैनिकों की लाश पर लड़े गए और कोई जांच नहीं की गई। अगर जांच होती तो गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता, कई अधिकारियों को जेल जाना पड़ता और बड़ा विवाद होता।’’ मलिक ने कहा कि उन्होंने घटना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी थी, लेकिन उन्हें चुप रहने को कहा गया था। मलिक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में अपनी शूटिंग कर रहे थे। जब वे वहां से बाहर आए तो मुझे फोन आया, मैंने उनसे कहा कि हमारे सैनिक मारे गए हैं और वे हमारी गलती से मारे गए हैं, इसलिए उन्होंने मुझे चुप रहने के लिए कहा और इस पर बात नहीं करने के लिए कहा।” पूर्व राज्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों के बारे में मुखर रहे हैं और तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के साथ खड़े थे।

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