विधायकों नें नेता भले ही नहीं चुना लेकिन नेता माना सुनीता को

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विधायकों नें नेता भले ही नहीं चुना लेकिन नेता माना सुनीता को
विधायकों नें नेता भले ही नहीं चुना लेकिन नेता माना सुनीता कोविधायकों नें नेता भले ही नहीं चुना लेकिन नेता माना सुनीता को

विधायकों नें नेता भले ही नहीं चुना लेकिन नेता माना सुनीता को

* विधायकों की बैठक ली उसी स्टाइल में
– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,आप भी सोच रहे होंगे हम यह क्या लिख रहे है नेता नहीं चुना लेकिन विधायकों नें नेता माना सुनीता केजरीवाल को | जी हाँ यह सच है | आज मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी निवास पर आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक थी | बैठक में सभी मंत्री और विधायक पहुंचे | विधानसभा के अध्यक्ष भी मौजूद रहे | केवल कमी थी तो मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की | लेकिन उनकी कुर्सी थी और उसी स्थान पर थी , उस कुर्सी पर विराजमान थी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्धांगिनी सुनीता केजरीवाल | रामलीला मैदान में प्रथम पंक्ति में सोनिया गांधी की बगल में बैठी सुनीता ने संकेत दे दिया था पार्टी हो या सरकार उसमें अरविन्द केजरीवाल के बाद वही चेहरा है |

हालांकि मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक दल को उन्हें विधिवत रूप से नेता चुनना होगा | लेकिन पार्टी की सुप्रीमो बनने के लिए उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है जेल से अरविन्द के निर्देश ले वे सन्गठन चला सकती है लेकिन सरकार नहीं | आज जो बैठक हुई उसमें सुनीता मेन चेयर पर बैठी थी जबकि उनके साथ सामने वाली सीटों पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय मौजूद थे | जबकि अन्य सभी मंत्री और विधायक उनके सामने वैसे ही बैठे थे जैसे अरविन्द के सामने बैठते थे |

हालांकि बैठक में फ़िलहाल तो यही तय किया गया अरविन्द ईस्तिफा नहीं देंगे और वे ही मुख्यमंत्री रहेगें और जेल से ही सरकार चलायेगें | सूत्रों का कहना है अरविन्द केजरीवाल ईस्तीफा देने से पहले दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय का इन्तजार कर रहे हैं जिसकी सुनवाई भी कल ही है | अरविन्द नें अपनी गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है | वैसे राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली नियमित जमानत से आम आदमी पार्टी नें राहत की सांस ली है और अब पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद की एक किरण जगी है इसी मामले में लम्बे समय से गिरफ्तार दूसरे नेताओं को भी राहत मिलने का रास्ता खुल गया है | केंद्र सरकार पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है और सभी विकल्पों पर विचार कर रही हैं | आज बस इतना ही ….

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