Delhi के पीतमपुरा इलाके में इलेक्ट्रॉनिक लॉक ने ले ली छह की जान, लोग चाहते हुए किसी को मकान से बाहर नहीं निकाल पाये
प्रारंभिक जांच से मिली जानकारी के मुताबिक पहली मंजिल पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला दवा खरीदने के लिए घर से निकलने से पहले रूम हीटर चालू कर गई, और वही आग की वजह बनी.
दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में गुरुवार को एक घर में आग लगने से चार महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई. दरवाजे के इलेक्ट्रॉनिक लॉक खराब होने के कारण वे भागने में असमर्थ थे. पीड़ितों की पहचान 62 वर्षीय राकेश गुप्ता, 62 वर्षीय उनकी पत्नी रेनू गुप्ता, 30 वर्षीय श्वेता, 25 वर्षीय कीर्ति, 27 वर्षीय शानू वर्मा और 25 वर्षीय संतोष के रूप में की गई. ये सभी उस चार मंजिला इमारत के निवासी थे, जहां पहली और दूसरी मंजिल पर आग लगी थी.
ऐसे लगी आग
प्रारंभिक जांच में आग लगने का संभावित कारण पहली मंजिल पर रूम हीटर बताया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि हीटर, जिसका उपयोग संभवतः गीले कपड़े सुखाने के लिए किया जाता था, से आग की लपटें उठीं जिसने तेजी से डुप्लेक्स हाउस को अपनी चपेट में ले लिया. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पहली मंजिल पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला दवा खरीदने के लिए घर से निकलने से पहले रूम हीटर चालू कर गई थी. ऐसा संदेह है कि उनकी अनुपस्थिति में हीटर के पास कपड़ों में आग लग गई, जिससे पूरी इमारत में आग तेजी से फैल गई. तीसरी और चौथी मंजिल पर रहने वालों ने अपनी खिड़कियां खोलकर भागने का प्रयास किया. हवा में घना धुआं भर गया, जिससे उनके लिए भागना असंभव हो गया.
इलेक्ट्रॉनिक लॉक खराब होने से छह की गई जान
जानकारी के मुताबिक निकासी मार्ग की कमी ने आपदा को और बढ़ा दिया, क्योंकि दरवाजे के इलेक्ट्रॉनिक लॉक खराब होने के कारण लोग सीढ़ियों का उपयोग करने में असमर्थ थे. स्वचालित ताले से सुसज्जित इलेक्ट्रॉनिक दरवाजे आपातकाल के दौरान खुलने में विफल रहे, जिससे अंदर रहने वाले लोग फंस गए.जांचकर्ताओं ने खुलासा किया कि पहली मंजिल पर दरवाजे और नियंत्रण बॉक्स को जोड़ने वाले तार आग में क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग तंत्र बेकार हो गया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मौर्य एन्क्लेव थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 285ए 336 और 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.