राजधानी में दिन भर रही हरियाणा चुनाव परिणामों की चर्चा

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हरियाणा चुनाव
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राजधानी में दिन भर रही हरियाणा चुनाव परिणामों की चर्चा

* जम्मू कश्मीर पर रही ख़ामोशी

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,हरियाणा से चली हवा की चर्चा वैसे तो पूरे उत्तर भारत में ही रही लेकिन राजधानी दिल्ली में दिल्ली के हर कोने में बस स्टैंड रहा हो या मेट्रो ,चाय वाले की दुकान रही हो या पान वाले का खोखा , बाज़ार रहे हों या माल सब जगह एक ही चर्चा सुनाई दे रही थी और वह चर्चा थी हरियाणा चुनाव परिणामों की | कुछ लोग इसे चमत्कार कह रहे थे तो कुछ मोदी का जादू बरकरार बता रहे थे और ऐसे लोगो की भी कमी नहीं थी जो ईवीएम का खेला पर अपना पक्ष रख रहे थे | कुल मिलाकर वही हुआ जो भाजपा चाह रही थी यानी दिल्ली में चर्चा | हालांकि जम्मू काश्मीर में भी कल ही परिणाम आये हैं और वहां भाजपा चारों खाने चित भी हुई है | लेकिन उसकी चर्चा कहीं नहीं सुनी गई |

समझ गए न आप, अपनी दिल्ली से जो चर्चा शुरू होती है वो बहुत दूर तक जाती है | इसीलिए दिल्ली को कहा जाता है मिनी इण्डिया यानी यहाँ शुरू हुई चर्चा पूरे भारत का हिस्सा जो बन जाती है | और राजनीती में चर्चा का ही तो सारा खेला होता है, शायद इसीलिए कहा जाता है राजनीती में चर्चा,पर्चा और खर्चा बहुत जरूरी होता है | शायद कांग्रेस इसी में चूक गई | हालांकि पूरे चुनाव में चर्चा तो यही सुनी गई थी कि कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है लेकिन कांग्रेस उसका फायदा उठाने में कामयाब नहीं रही उलटे कांग्रेस की चर्चा के बावजूद भाजपा बाजी मार ले गई | हालंकि भाजपा को मिले मत प्रतिशत 39.94 और कांग्रेस को मिले मत39.09प्रतिशत में एक फीसदी से भी कम का अंतर है लेकिन जो जीता वही सिकन्दर कहलाता है |

अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को 1 .79 फीसदी वोट मिले जबकि बसपा को 1.82 फीसदी वोट मिले | राहुल गांधी की बात यदि सिरे चढती और गठ्बन्धन के तहत चुनाव होता तो निश्चित रूप से आंकड़ो में फेरबदल होता | और शायद इसीलिए दिन भर आप नेता कहते रहे किसी भी दल को अति आत्मविश्वास से बचना चाहिए | लोग हुड्डा की हठधर्मिता की भी चर्चा करते देखे गए तो अनेक लोग दिल्ली विधानसभा चुनाव पर बतियाते देखे गए | कुछ कह रहे थे कुछ भी हो अब गठ्बन्धन के तहत ही चुनाव होगा तो कुछ कह रहे थे नहीं अब सवाल ही नहीं उठता अब केजरीवाल गठ्बन्धन क्यों करेगें सीटें भले ही कम हो जाएँ लेकिन सरकार तो झाडू की ही बनेगी लेकिन यह कहने वालों की भी कमी नहीं थी कांग्रेस पहले से बेहतर करेगी जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा | कुल मिलाकर क्या होगा यह आने वाला समय बतायेगा लेकिन दिल्ली वाले सियासत की पिच पर जमकर चर्चा कर रहे हैं जो अभी विधानसभा चुनावों तक ऐसे ही चलने की सम्भावना है क्योंकि दिल्ली शहर ही चर्चाओं का है | आज बस इतना ही …

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